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Bihar Land Survey: जमाबंदी रसीद में खाता-खेसरा नंबर है गलत तो ना हों परेशान, यूं हो सकेगा जमीन सर्वे

Bihar Land Survey: कोई एक दस्तावेज जिसमें भूमि का रकबा, चौहद्दी, खाता, खेसरा और थाना आदि का सही जिक्र है, यदि दिया गया है तो सर्वे उसी के आधार पर होगा। भौतिक सत्यापन के पहले यदि लोग सुधार करा लेते हैं तो बेहतर होगा।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाTue, 15 Oct 2024 06:12 AM
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Bihar Land Survey: अगर आपकी जमाबंदी रसीद में खाता-खेसरा नंबर गलत है तो आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है। दरअसल पटना में भूमि सर्वे के लिए 25 हजार लोगों की ओर से दी गई जमाबंदी रसीद में खाता या खेसरा नंबर सही नहीं है। हालांकि ऐसे लोगों की ओर से जमीन के दिए गए अन्य दस्तावेज में खाता, खेसरा सही है इसलिए उसी दस्तावेज को सर्वे का आधार बनाया जाएगा। इस बीच संबंधित लोगों के दस्तावेज में सुधार के लिए सर्वे टीम ने अंचलाधिकारियों से आग्रह भी किया है। ताकि सर्वे के आगे के काम में किसी तरह की दिक्कत न हो। इस बीच सर्वे के लिए कागजात जमा करने की रफ्तार शिथिल पड़ गई है। पटना जिले में अब तक 1.25 लाख लोगों ने भूमि सर्वे के लिए तय फार्मेट में जमीन का ब्योरा जमा कर किया है।

लोगों की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर भी भूमि का भौतिक सत्यापन होना है। सर्वे टीम में शामिल अधिकारियों का कहना है कि इसमें लगभग 25 हजार ऐसे लोग हैं जिनकी जमीन का खाता, खेसरा के अलावा रकबा, चौहदी, थाना या नाम में सुधार के लिए अंचलाधिकारियों के यहां आवेदन लंबित है।

हालांकि, ऐसे लोगों की ओर से खतियान या खरीदी गई भूमि का डीड दिया गया है, जिसमें खाता, खेसरा, रकबा आदि का सही जिक्र है लेकिन ज्यादातर मामले में जमाबंदी रसीद में ही गड़बड़ी है। कई ऐसे लोग हैं जिनका अद्यतन रसीद नहीं है लेकिन सर्वे टीम ने लोगों को परेशान नहीं होने को कहा है।

उनका कहना है कि कोई एक दस्तावेज जिसमें भूमि का रकबा, चौहद्दी, खाता, खेसरा और थाना आदि का सही जिक्र है, यदि दिया गया है तो सर्वे उसी के आधार पर होगा। भौतिक सत्यापन के पहले यदि लोग सुधार करा लेते हैं तो बेहतर होगा। यदि किसी कारणवश परिमार्जन का काम पूरा नहीं हो पता है तो उनके द्वारा दिए गए अन्य दस्तावेज के आधार पर ही सर्वे का काम पूरा किया जाएगा।

परिमार्जन नहीं होने पर भी एक सही दस्तावेज से होगा काम

पटना जिले में लगभग 60 हजार दाखिल खारिज के मामले लंबित पड़े हुए हैं। 50 हजार से अधिक आवेदन परिमार्जन के हैं, जिसमें लोगों के दस्तावेजों में मामूली सुधार करना है। इसके लिए अंचल कार्यालयों में लोगों की हर दिन भीड़ हो रही है। सर्वे में शामिल अधिकारियों का कहना है कि परिमार्जन नहीं होने पर भी यदि किसी ने अपनी जमीन से संबंधित सही दस्तावेज दिया है तो ऐसे लोगों का सर्वे का काम नहीं रुकेगा। उन्हें दस्तावेज में सुधार का मौका दिया जाएगा। जो जमीन विवादित है ऐसे मामले अंचलाधिकारियों के पास भेज दिया जाएगा।

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