Bihar Land Survey: दूसरे चरण में 70% मौजों के दस्तावेज तैयार, फरवरी तक निपटाना होगा पूरा काम
बिहार में जमीन सर्वे के दूसरे चरण के 18 जिलों के जिन 26786 मौजों में भूमि सर्वे का काम शुरू किया गया है, उनमें 70 फीसदी से अधिक मौजों में तेरीज लेखन का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष मौजों में इस माह के आखिर तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
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बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान मौजों की तेरीज लेखन की समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। फरवरी के अंत तक बिहार के सभी मौजों में तेरीज लेखन का काम पूर्ण कर लिया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी प्रमंडलों के नोडल पदाधिकारियों की बैठक में भूमि सर्वे के काम की प्रगति की समीक्षा की है और उन्हें निदेशालय के निर्णय से जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश दिया है।
शास्त्रीनगर स्थित सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में हुई समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि दूसरे चरण के 18 जिलों के जिन 26786 मौजों में भूमि सर्वे का काम शुरू किया गया है, उनमें 70 फीसदी से अधिक मौजों में तेरीज लेखन का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष मौजों में इस माह के आखिर तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। तेरजी लेखन का मतलब दस्तावेज लेखन होता है। इससे पहले, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने फरवरी के अंत से किस्तवार शुरू करने का निर्देश दिया था। किस्तवार से पहले हर अमीन को उनको आवंटित मौजों का तेरीज लेखन का काम पूर्ण करना है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि तेरीज खतियान का सार होता है, जो सर्वे के काम में लगे अमीनों के लिए बहुत ही उपयोगी दस्तावेज होता है। तेरीज का निर्माण भी सर्वे कार्य में लगे अमीनों के द्वारा ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि तेरीज लेखन पिछले सर्वे के आधार पर तैयार खतियान से किया जाता है। पिछले सर्वे का खतियान जिला अभिलेखागारों में सुरक्षित रखा गया है। इसकी आनलाइन प्रति भी उपलब्ध है जिसे भू अभिलेख पोर्टल पर देखा जा सकता है।
आपको बता दें इससे पहले भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने द्वितीय चरण के 18 जिलों में भूमि सर्वे के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान बंदोबस्त पदाधिकारियों से जिलावार विशेष सर्वेक्षण नक्शों की उपलब्धता की जानकारी ली गई। यह बात सामने आई कि अधिकतर जिलों में सभी मौजों के नक्शों की आपूर्ति नहीं की गई है। सभी एजेंसियों को 15 फरवरी तक सभी मौजों में विशेष सर्वेक्षण का नक्शा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है। सभी पदाधिकारियों को नक्शा की जांच करने के लिए कहा गया है।