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खुशखबरी! बिहार की भूजल क्षमता द2 लाख घन मीटर बढ़ी, नीतीश की इस योजना असर दिखा

  • पिछले दो वर्षों में भूजल का स्तर लगातार नीचे जा रहा था। भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी तब है जबकि प्रदेश में भूजल का दोहन भी बीते साल की तुलना में काफी बढ़ा है। केन्द्रीय रिपोर्ट के अनुसार भूजल में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण राज्य सरकार द्वारा संचालित जल जीवन हरियाली मिशन है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, पटना, आलोक चंद्रThu, 9 Jan 2025 12:29 PM
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बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी जल जीवन हरियाली अभियान का असर दिखने लगा है। इसकी बदौलत बिहार के भूजल स्तर में बीते साल अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। केन्द्र सरकार की वार्षिक भूजल रिपोर्ट-2024 में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार के भूजल में लगभग दो लाख घन मीटर की वृद्धि हुई है। इसके कारण बिहार का भूजल दो से दस मीटर तक ऊपर आ गया है। खासकर दक्षिण बिहार को बड़ी राहत मिली है। वहां बड़े हिस्से में भूजल स्तर ऊपर आया है। सरकार अपने सात निश्चय योजना के तहत इसे चला रही है।

पिछले दो वर्षों में भूजल का स्तर लगातार नीचे जा रहा था। भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी तब है जबकि प्रदेश में भूजल का दोहन भी बीते साल की तुलना में काफी बढ़ा है। केन्द्रीय रिपोर्ट के अनुसार भूजल में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण राज्य सरकार द्वारा संचालित जल जीवन हरियाली मिशन है। इसके कारण परंपरागत जलस्रोतों का असर तो पड़ा ही है, बड़ी संख्या में जलस्रोतों का जीर्णोद्धार भी किया गया है। कई जलस्रोतों को नया स्वरूप दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार भूजल रिचार्ज की मात्रा वर्ष 2023 की 33.96 बिलियन क्यूबिक से बढ़कर 34.15 बिलियन क्यूबिक हो गयी है। इससे निकासी योग्य पानी की मात्रा 30.72 बिलियन क्यूबिक से बढ़कर 30.95 बिलियन क्यूबिक हुई है।

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दरअसल, जल जीवन हरियाली के तहत नए तालाब की खुदाई, पुराने तालाब और कुओं का जीर्णोद्धार आदि उपायों से पिछले कुछ वर्षों से सूबे के जलस्रोतों की स्थिति बेहतर हुई है। इसमें सतही जल का बेहतर उपयोग हो सका है। इसके अलावा बड़ी संख्या में आहर, पईन, तालाब, कुआं, छोटे-छोटे जलाशयों की स्थिति बेहतर की गयी है। वर्षा के जल का संरक्षण भी काफी बेहतर ढंग से करने के कारण भी भूजल स्तर ऊपर आया है।

दोहन के बाद भी बढ़ा जलस्तर

भूजल स्तर में बढ़ोतरी ऐसी स्थिति में हुई है जबकि राज्य में विभिन्न स्रोतों से भूजल का दोहन काफी बढ़ा है। बीते साल वार्षिक भूजल दोहन की मात्रा 13.75 बिलियन क्यूबिक से बढ़कर 14.10 बिलियन क्यूबिक हो गयी है।

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