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घर बैठे करिए पूर्वजों का पिंडदान, पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए कैसे करें ऑनलाइन बुकिंग और क्या है शुल्क; जानें सबकुछ

Gaya Pitrapaksha Mela 2024 : बिहार राज्य पर्यटन निगम ने इस साल ई-पिंडदान के लिए 23 हजार रुपये का एक पैकेज बनाया है, जिसमें पिंडदान की सामग्री, पूजन सामग्री, ब्राह्मण का दक्षिणा और अन्य खर्च समाहित हैं।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान टीमWed, 21 Aug 2024 01:42 AM
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Gaya Pitrapaksha Mela 2024 : धर्म की नगरी गया में 17 सितंबर से पितृपक्ष मेला शुरू होगा। यहां पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए पवित्र फल्गु नदी में पिंडदान की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हर साल करीब दस लाख लोग यहां पहुंचते हैं। लेकिन, जो गया में आने की स्थिति में नहीं हैं, उनके लिए बिहार पर्यटन निगम ने ई-पिंडदान की व्यवस्था की है। यानी कोई श्रद्धालु घर बैठे भी गयाजी में पितरों का पिंडदान कर सकते हैं। विदेश में रह रहे लोग ई-पिंडदान की बुकिंग करा रहे हैं।

बिहार राज्य पर्यटन निगम ने इस साल ई-पिंडदान के लिए 23 हजार रुपये का एक पैकेज बनाया है, जिसमें पिंडदान की सामग्री, पूजन सामग्री, ब्राह्मण का दक्षिणा और अन्य खर्च समाहित हैं। इसके लिए पर्यटन निगम के वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग की जाएगी। ऑनलाइन पिंडदान कराने के लिए अमेरिका, रूस, फ्रांस व जर्मनी से लोग बुकिंग करा रहे हैं।

ऑनलाइन बुकिंग के बाद उनके पितरों का पिंडदान पूरे विधि-विधान से विष्णुपद मंदिर, अक्षय वट और फल्गु नदी के किनारे की जाएगी और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। फिर इसे पेन ड्राइव में श्रद्धालु के पते पर डाक या कूरियर से भेजा जायेगा, ताकि वह जान सकें कि उन्होंने अपने पूर्वजों का पिंडदान किया गया है। डिजिटल पिंडदान की पूरी जानकारी बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की साइट पर उपलब्ध है। इस बीच, पितृपक्ष मेले को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। इस साल मेले की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है, जो दो अक्टूबर तक चलेगा।

ये है पूरा पैकेज

निगम ने ई-पिंडदान का जो पैकेज तैयार किया है, उसमें पिंडदान का शुल्क 21 हजार पांच सौ रुपये हैं। इसके अतिरिक्त 1429 रुपये सेवा शुल्क है। पांच प्रतिशत जीएसटी जोड़कर पूरा शुल्क 23 हजार निर्धारित है। ई-पिंडदान ऐप पर सबसे पहले विष्णुपद मंदिर में धार्मिक प्रक्रियाएं कराई जाएंगी। इसके बाद अक्षयवट, फल्गु नदी पिंडवेदी पर कर्मकांड कराया जाएगा।

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