बिहार की पहली नमो भारत एक्सप्रेस पहुंची पटना, पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जल्द ट्रायल
नमो भारत एक्सप्रेस की रैक रविवार को पटना पहुंची। देश की दूसरी और बिहार की पहली वंदे मेट्रो का जल्द ट्रायल होगा। 24 अप्रैल को पीएम मोदी हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन जयनगर से समस्तीपुर, बरौनी, मोकामा, बख्तियारपुर होते हुए पटना आएगी।

जयनगर- पटना मार्ग पर प्रस्तावित नमो भारत एक्सप्रेस की रैक रविवार को पटना पहुंची। देश की दूसरी और बिहार की पहली नमो भारत ट्रेन को लेकर रेलकर्मियों से लेकर आम लोगों में कौतूहल दिखा। 16 डब्बों वाली इस रैक को दानापुर रेल मंडल के राजेंद्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स लाया गया, जहां इसकी मैकेनिकल जांच की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को मधुबनी जिले के झंझारपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान इस अत्याधुनिक ट्रेन को पटना के लिए हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन जयनगर से समस्तीपुर, बरौनी, मोकामा, बख्तियारपुर होते हुए पटना पहुंचेगी।
इधर ट्रेन का जयनगर से पटना के बीच किराया क्या होगा, इसे लेकर मंथन जारी है। इससे पहले इसका जयनगर से पटना के बीच ट्रायल होगा। दो दिनों से इस ट्रेन का ट्रायल संभावित है। पूर्व मध्य रेलवे की ओर से इस ट्रेन के सफल ट्रायल को लेकर लोको पायलट समेत अन्य रेलवे कर्मियों की टीम तय है। प्रधानमंत्री मोदी 24 अप्रैल को झंझारपुर में रेल से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन के साथ इसका उद्घाटन स्पेशल के रूप में परिचालन शुरू करेंगे। पीएम सहरसा से मुंबई के बीच अमृत भारत ट्रेन और दो अन्य पैसेंजर ट्रेनों का भी शुभारंग करेंगे।
16 कोचों वाली रैक को देखने की होड़
राजेन्द्रनगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में 16 कोचों वाली रैक के पहुंचने पर इसकी तस्वीर के लिए तांता लगा रहा। मेट्रो जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं वाली ट्रेन की सुरक्षा के लिए राजेन्द्रनगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जयनगर-पटना मार्ग पर इसकी रफ्तार अधिकतम 130 किमी प्रति घंटा होगी। ट्रेन में 1,000 से ज्यादा यात्रियों के बैठने और 2,000 से अधिक यात्रियों के खड़े होकर यात्रा करने की क्षमता होगी।
साढ़े चार से पांच घंटे में सफर होगा तय
पटना से जयनगर के बीच वर्तमान में 6-7 घंटे लगते हैं, जबकि नमो भारत से यह सफर केवल साढ़े चार से पांच घंटे में पूरा हो सकेगा। ट्रेन का किराया भी अन्य एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में कम होगा। यह सुविधा यात्रियों के समय और पैसे दोनों की बचत करेगी। हालांकि ट्रायल के दौरान ट्रैक पर मिलने वाली बाधाओं और संरक्षा नियमों को देखते हुए इसकी औसत गति तय की जाएगी। एक दो दिनों में ट्रेन का किराया और औसत गति की वास्तविक जानकारी आधिकारिक रूप से रेलवे की ओर से जारी हो सकती है।