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Flood In Bihar: बाढ़ में बह गई मछलियां, किसानों को 350 करोड़ रुपये का नुकसान; बिहार के 17 जिले अब भी प्रभावित

Flood In Bihar: बाढ़ आने से तालाबों की मछलियां बह गईं हैं। वहीं, 20 से 30 प्रतिशत मखाने की फसल तालाबों में ही थी। एक तरफ बाढ़ से मछली और मखाने की फसल को नुकसान हुआ है, दूसरी ओर मछली बीमा योजना फाइलों में ही दौड़ रही है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाThu, 3 Oct 2024 06:38 AM
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Flood In Bihar: बिहार में आई बाढ़ से किसानों को लगभग 350 करोड़ की मछली और मखाने की फसल के नुकसान का अनुमान है। इसमें मछली का ही 300 करोड़ क्षति अनुमानित है। उत्तर बिहार के 16 जिले बाढ़ प्रभावित हैं और इसी इलाके में अधिक मछली पालन होता है। बाढ़ आने से तालाबों की मछलियां बह गईं हैं। वहीं, 20 से 30 प्रतिशत मखाने की फसल तालाबों में ही थी। एक तरफ बाढ़ से मछली और मखाने की फसल को नुकसान हुआ है, दूसरी ओर मछली बीमा योजना फाइलों में ही दौड़ रही है। पिछले साल पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मछली बीमा योजना लागू करने की तैयारी की थी, लेकिन बीमा एजेंसी चयन प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण बीमा योजना लागू नहीं हो सकी।

इसी तरह मखाना बीमा योजना भी नहीं है। पिछले दिनों मखाना महोत्सव में सरकार ने इसे लागू करने का भरोसा दिया था, लेकिन इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। बाढ़ का पानी उतरने के बाद विभाग को मछली नुकसान की वास्तविक रिपोर्ट मिलेगी। राज्य में 2023-24 में कुल 8.73 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ था। बाढ़ प्रभावित 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा और सारण में 4.51 लाख टन मछली उत्पादन हुआ था। सिर्फ मधुबनी और दरभंगा में ही 20 मछली उत्पादन हुआ था। बाढ़ से2024-25 में मछली उत्पादन पर असर पड़ सकता है।

बीमा रहने पर 1 लाख तक प्रति एकड़ क्षतिपूर्ति मिलती

मछली बीमा योजना लागू होती तो एक एकड़ तालाब में मछली नुकसान होने पर 60 हजार से एक लाख रुपये तक की राशि मछलीपालकों मिल जाती। प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम राशि चार हजार रुपये देना था। इसमें किसानों को 2000 रुपये प्रति एकड़ की दर से भुगतान करना पड़ता।

खगड़िया में भी फैला पानी,सूबे में 14.62 लाख लोग प्रभावित

बाढ़ का पानी खगड़िया जिले में फैलने से बाढ़ पीड़ितों की संख्या करीब पौने तीन लाख और बढ़ गई है। अब बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या 17 हो गई है। इन जिलों की 14.62 लाख आबादी पानी से घिरी हुई है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, बुधवार को 17 जिलों के 81 प्रखंडों की 429 ग्राम पंचायतों की करीब 14.62 लाख आबादी प्रभावित है। मंगलवार तक 16 जिलों की 11.84 लाख आबादी बाढ़ प्रभावित थी। इसे देखते हुए राहत और बचाव तेज कर दिया गया है। 

अब तक दो लाख 60 हजार पीड़ितों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ ने निकाला है। एसडीआरएफ की 17 और एनडीआरएफ की 16 टीमें इस कार्य में जुटी हैं। इसके अलावा वाराणसी और रांची से तीन-तीन टीमें बुलाई गई हैं। 975 नावें चल रही हैं। 340 सामुदायिक रसोई से 2.10 लाख लोगों को भोजन कराया गया। 18 राहत शिविरों में करीब 6200 लोग शरण लिए हुए हैं। नौ बोट एम्बुलेंस से चिकित्सकीय मदद पहुंचाई जा रही है।

90 हजार राशन पैकेट बांटे

बुधवार को भी वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से राहत कार्य चलाया गया। करीब 90 हजार सूखे राशन पैकेट बांटे गए। एक लाख 14 हजार 800 पॉलीथिन शीट भी बांटी गई।

ये जिले हैं प्रभावित

पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण, सहरसा, कटिहार और खगड़िया से प्रभावित हैं।

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