बिहार ने रचा इतिहास; देश में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर बने दारोगा, CM नीतीश ने दिया नियुक्ति पत्र
बिहार पुलिस में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर दारोगा के पद पर तैनात हुए हैं। ऐसा देश में पहली बार हुआ है, जब ट्रांसजेंडर पुलिस में भर्ती हुए हो। सीएम नीतीश ने आज 1239 नवनियुक्त दारोगा को नियुक्त पत्र दिए। जिसमें तीन ट्रांसजेंडर रोनित झा, बंटी कुमार और मानवी मधु शामिल हैं।
पुलिस स्मृति दिवस पर बिहार ने इतिहास रच दिया है। देश में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर दारोगा बने हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1239 नव चयनित दारोगा को नियुक्त पत्र सौंपा, जिसमें तीन ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। जिसमें दो ट्रांसमेन रोनित झा और बंटी कुमार हैं, जबकि एक ट्रांसवुमेन मानवी मधु कश्यप शामिल हैं। देश में बिहार पहला राज्य बन गया है, जहां ट्रांसजेंडर बिहार पुलिस में दारोगा के पद पर भर्ती हुए हैं। बापू सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय चौधरी, डीजीपी डीजीपी आलोक राज और गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम में 794 पुरुष, 442 महिला और 3 ट्रांसजेंडर समेत 1239 नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र बांटे गए। जिसका आयोजन बापू सभागार में हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छह माह के अंदर पुलिस के रिक्त 78 हजार पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।अभी पुलिस बल की संख्या 1.10 लाख है। 21 हजार पुलिसबल की बहाली प्रक्रिया जारी है, जबकि 20 हजार पुलिसबल की बहाली के लिए कार्य किया जा रहा है।
उन्होने पुलिस महानिदेशक से कहा कि रिक्त पदों पर बहाली जल्द कराएं। सीएम ने कहा कि हमने पुलिसिंग सिस्टम को ठीक किया है। थाना के कार्यों को दो भागों केसों के अनुसंधान और विधि व्यवस्था को अलग-अलग किया। ताकि कार्यों को त्वरित और बेहतर ढंग से निष्पादित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि रात के साथ ही दिन में भी पुलिस गश्ती की व्यवस्था की गई है। पुलिस गश्ती होने से अपराध में कमी आई है। वर्ष 2005 के पहले कितना कानून व्यवस्था का बुरा हाल था। लोग शाम में घर के बाहर नहीं निकलते थे। अब देर रात तक लोग घर से बाहर निकलकर अपना काम निर्भीक होकर कर रहे हैं। पहले आपस में लोग झगड़ा करते थे। हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा होता था, अब सब ठीक हो गया है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहाल की गई। कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने में पुलिस की बड़ी भूमिका होती है। बिहार पुलिस सभी कार्यों को बेहतर ढंग से और पूरी मेहनत के साथ कर रही है।
आपको बता दें 2021 में पटना उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद, राज्य सरकार ने बीपीएसएससी को पुलिस सेवाओं में तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) की भर्ती करने के लिए कहा था। राज्य के गृह विभाग ने भी पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था, कि सरकार राज्य हर जिले में ट्रांसजेंडर कैटेगरी से एक सब-इंस्पेक्टर और चार कांस्टेबल तैनात करेगी। बिहार देश में पहला ऐसा राज्य है, जहां पुलिस महकमे में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती सबसे ज्यादा है। मौजूदा समय में बिहार में 30 हजार महिलाएं पुलिस विभाग में कार्यरत हैं।