Hindi Newsबिहार न्यूज़Bihar by election Education sports drinking water election issues of Ramgarh 3 lakh voters takes Decision

बिहार उपचुनाव: शिक्षा, खेल और पेयजल रामगढ़ के चुनावी मुद्दे, 2.90 लाख वोटर करेंगे के काम का हिसाब

समस्याओं से घिरे रामगढ़वासी वोट की चोट पर विधायक चुनेंगे। जीबी कॉलेज में न पीजी की पढ़ाई शुरू हुई और न पूर्वी क्षेत्र को समृद्ध खेल मैदान मिला, पेयजल और बस स्टॉपेज की समस्या भी बड़ी है। 13 नवंबर को 2.90 लाख वोटर प्रत्याशियों की किस्मत तय करेंगे।

sandeep हिन्दुस्तान, भभुआ, कार्यालय संवाददाताFri, 25 Oct 2024 11:02 PM
share Share

समस्याओं से जूझ रहे रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लोग उपचुनाव में वोट की चोट पर अपना विधायक चुनेंगे। इस बार के चुनाव में यहां के मतदाता उन्हीं को वोट देंगे, जो उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने वाला दिखेंगे यानी जिनपर उनका विश्वास जमेगा। रामगढ़ में शिक्षा व खेल पर खूब चर्चा होती रही है। प्रतिभाएं भी काफी हैं। लेकिन, अब तक किसी ने जीबी कॉलेज में न पीजी की पढ़ाई शुरू कराई और न पूर्वी क्षेत्र को समृद्ध खेल मैदान उपलब्ध कराया। ऐसे में प्रतिभाएं अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए खुद की बदौलत जंग कर रही हैं।

रामगढ़वासी काफी दिनों से बस पड़ाव की समस्या से जूझ रहे थे। इसका निर्माण कराकर उद्घाटन हुआ, पर यहां से यात्री वाहनों का परिचालन शुरू नहीं कराया जा सका। दिनेश राम व संजय सिंह बताते हैं कि आज भी बस, मैजिक, जीव, टेकर, ऑटो सड़क और फुटपॉथ पर ही खड़े होते हैं, जिससे राहगीरों, बाजार करने आनेवाले लोगों, प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न दफ्तरों, थाना, बैंक में काम कराने जानेवाले लोगों को दिक्कत होती है। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब स्कूल-कॉलेज की छुट्टी होती है और छात्र-छात्राएं इसी रास्ते से अपने घर जाते हैं। सड़क पर जाम का नजारा दिखता है। दाएं-बाएं कर छात्र निकलते हैं।

रामगढ़ बाजार के जर्जर मार्केट कांप्लेक्स का मामला अक्सर चर्चा में आता है। इसे ठीक करने के लिए कुछ दिनों तक हाथ-पांव चलता है, फिर बंद हो जाता है। यहां के कारोबारी इस समस्या से वर्षों से जूझ रहे हैं। लेकिन, इस समस्या के समाधान के लिए किसी ने ठोस पहल नहीं की। यही कारण है कि जब भी बारिश होती है इसकी छत से पानी रिसने लगता है और लाखों का सामान नष्ट हो जाता है, जिससे कारोबारियों को आर्थिक क्षति होती है।

ये भी पढ़ें:राजपूत, कुशवाहा, पासवान, मुसलमान; प्रशांत किशोर की फॉर्मूला राजनीति का श्रीगणेश

रामगढ़ में बरसात का नजारा किसी झील से कम नहीं दिखता। अधिकतर इलाके में नाले का पानी ओवरफ्लो कर गलियों में बहते दिखता है। खाली जगहों में जमा होता है। किसी इलाके में तो घरों में पानी घुसता है। पानी के उपर तैरती गंदगी भी दिखती है। आज भी कई खाली पड़ी भूमि में गंदा पानी जमा है। कई वार्ड की गलियां तंग हो चुकी हैं। ऐसा नजारा तो आज भी कई मुहल्लों में देखा जा सकता है। अगर ऐसी स्थिति में गलियों में बिजली के खंभों पर टंगी लाइट से प्रकाश नहीं मिले, तो लोग फिसलकर गिरेंगे ही। चोट भी लगेगी। घायल भी होंगे।

गर्मी के मौसम में पेयजलापूर्ति की समस्या लोगों को सालती है। गुजरे मौसम में भी यहां के लोगों को इस समस्या से दो-चार होना पड़ा था। कई गलियों में झाड़ू लगती है, पर कूड़े को डंप करने का प्रबंध नहीं है। नालों की एकसिरे से सफाई नहीं होती। टूटे स्लैब को बदला नहीं जाता। इतनी समस्याओं के बावजूद लोग टैक्स देते हैं। दुर्गावती मुख्य बाजार भी बदहाल है। रौशनी का बेहतर प्रबंध नहीं है। सड़क भी अच्छी नहीं है। इनके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि क्या किए और परिणाम कैसा रहेगा 13 नवंबर को वोट देकर यहां के मतदाता बताएंगे।

ये भी पढ़ें:बेटों पर RJD का दांव! रामगढ़ से जगदानंद के बेटे, बेलागंज से सांसद बेटे को टिकट

आपको बता दें रामगढ़ विधानसभा सीट पर एनडीए समर्थित बीजेपी प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह, महागठबंधन समर्थित आरजेडी के अजीत कुमार सिंह, बसपा के सतीश यादव और जनसुराज के सुनील कुशवाहा के बीच टक्कर है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें