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वीरेंद्र जी, गंभीर परिणाम होंगे, बाहर निकालो सबको; स्पीकर नंदकिशोर यादव को गुस्सा क्यों आया

सदन में मंत्री श्रवण कुमार सदन की कार्ववाही में सवालों का जवाब दे रहे थे। तभी विपक्षी आरजेडी के विधायक खड़े हो गए। क लेखा समिति के चेयर मैन भाई वीरेंद्र सीएम की कुर्सी के पास पहुंच गए । इसे देखकर स्पीकर नंद किशोर यादव गुस्से में आ गए

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पटनाThu, 28 Nov 2024 01:04 PM
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Bihar Assembly Winter Session: विपक्ष के भारी शोर शराबा और हंगामे के बीच बिहार विधासभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। 29 नवम्बर तक चलने वाले सत्र का चौथा दिन भी हंगामेदार रहा। सदन में विपक्षी नेताओं का हंगामा इतना बढ़ा कि विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा। गुस्से में आए स्पीकर ने हल्ला और नारेबाजी कर रहे सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश जारी कर दिया और हालात बिगड़ता देख सदन की कार्रवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सरकार का समर्थन करने वाले तीन बागी विधायकों के सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर आरजेडी के सदस्य शोर शराबा कर रहे थे।

मंत्री श्रवण कुमार सदन की कार्ववाही में सवालों का जवाब दे रहे थे। तभी विपक्षी आरजेडी के विधायक खड़े हो गए। उनके पीछे कांग्रेस और माले के विधायक भी थे। राजद के कुछ सदस्यों को सरकार के साथ बैठने पर आपत्ति जताते रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सदस्यों से अपनी सीट पर शांति से बैठने सदन की कार्यवाही में सहयोग की अपील की। उसके बाद भी शोरशराबा नहीं थमा। राजद विधायक भाई विरेंद्र, आलोक मेहता, मुकेश कुमार रौशन समेत कई विस सदस्य वेल में पहुंच गए और हंगामा करने लगे। शोर शराबा करते हुए लोक लेखा समिति के चेयरमैन भाई वीरेंद्र सीएम की कुर्सी के पास पहुंच गए। इसे देखकर स्पीकर नंद किशोर यादव गुस्से में आ गए और हल्ला कर रहे विपक्षी सदस्यों को बाहर करने का निर्देश दिया। अध्यक्ष के आदेश पर मार्शल ने उन सदस्यों को हटा दिया।

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अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले विपक्षी विधायकों को बहुत समझाया। उन्होंने कहा कि अपनी सीट पर रहते हुए अपनी बात कहें। वेल में आकर कही गई कोई भी बात ना सुनी जाएगी और ना ही रिकॉर्ड की जाएगी। लेकिन हंगामा कर रहे विधायक कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि राजद के बागी विधायकों को सरकार की ओर क्यों बैठाया जा रहा है। उनके सीट निर्धारण का सवाल बार बार उठाते रहे। राजद विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की कुर्सी के पास पहुंच गए। कह रहे थे कि हमलोग भी मंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। सत्ताधारी दलों के विधायकों ने इस पर घोर आपत्ति जताई। उसके बाद स्पीकर का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने भाई वीरेंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। कई बार उन्होंने गंभीर परिणाम की बात दोहराई। उसके बाद अध्यक्ष ने शोर मचा रहे विधायकों को कड़ी फटकार लगाते हुए बाहर करने का निर्देश जारी कर दिया और सदन की कार्रवाई हो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

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