500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में बनने वाली सभी परियोजनाओं का पंजीयन अनिवार्य
फोटो : भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला में दी जानकारी रेरा के

भागलपुर, वरीय संवाददाता। भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने कहा कि शहरी क्षेत्र या आयोजना क्षेत्र में 500 वर्गफीट क्षेत्र में यदि कॉमर्शियल मकान बनाए गए हैं या आठ अपार्टमेंट बनाया गया है तो ऐसे प्रोजेक्ट का निबंधन अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर संबंधित बिल्डरों पर कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को समीक्षा भवन में रेरा बिहार द्वारा आयोजित प्रमंडल स्तरीय कार्यशाला में शिरकत करने पहुंचे रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह और जांच आयुक्त संजय सिंह ने भागलपुर और बांका के पदाधिकारियों को नियम-कायदे बताए। रेरा अध्यक्ष ने कहा, अब सभी जिलों को एक पुस्तिका भेजी जाएगी। जिसमें उस जिले में निबंधित प्रोजेक्ट, निबंधित रियल एस्टेट एजेंट आदि से संबधित सूचना होगी।
इसके अलावा उस जिले के आयोजन क्षेत्र की विस्तृत जानकारी, प्रोजेक्ट्स एवं प्रमोटर्स की रैंकिंग की सूचना होगी। पीड़ित की शिकायत पोर्टल पर दर्ज कराएंगे डीएम-एसपी : अध्यक्ष इस कदम का उद्देश्य जिलों को विस्तृत सूचना प्रदान करना है ताकि वे रेरा कानून का उल्लंघन करने वाले अनिबंधित परियोजना के प्रमोटर्स एवं एजेंट्स की सूचना प्राधिकरण को दे सकें और उनपर कानूनी कार्रवाई की जा सके। रेरा अध्यक्ष ने कहा, सभी जिलों के डीएम व एसपी को यह सुविधा दी जाएगी कि अगर उन्हें कोई पीड़ित घर खरीदारों की शिकायत करे तो उसे रेरा बिहार के पोर्टल पर डाल सकें। ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने प्रमंडल के तमाम निकाय अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे रेरा अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्रिय भूमिका निभाएं। विवेक सिंह ने कहा कि फ्लैट व भूखंड खरीदारों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से ही भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 को लागू किया गया। इसलिए जमीनी स्तर पर इसके प्रभावी क्रियान्वयन और अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए जिला एवं नगरपालिका प्रशासन की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि रेरा अधिनियम के प्रावधानों से संबंधित रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए एक प्रपत्र सभी जिलों को भेजा गया है। जिलों से रिपोर्ट नियमित रूप से भेजी जाए ताकि रेरा कानून का पालन और प्रभावी ढंग से कराया जा सके। घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए बना रेरा कानून : जांच आयुक्त रेरा बिहार के जांच आयुक्त संजय सिंह ने कहा कि रेरा कानून बहुत ही सोच समझ कर बनाया गया है ताकि घर खरीदारों के हितों की रक्षा हो सके। इस कानून का और उद्देश्य है कि सभी हितधारकों की शिकायतों का त्वरित निष्पादन हो सके। डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि प्राधिकरण को एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए कि घर खरीदारों की वास्तविक समस्याएं समझ में आ सके। उनकी क्या दिक्कत है, इसका समाधान करते हुए नियम को उसी हिसाब से बनाया जा सके। बांका के डीएम अंशुल कुमार ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्राधिकरण का धन्यवाद दिया। आईजी विवेक कुमार ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा जारी सभी लंबित वारंटों की सूची दी जाए, ताकि उनका निष्पादन हो सके। रेरा ने पीपीटी के जरिए भी मुख्य कार्यों की जानकारी दी। दूसरे सेशन में प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। जहां रेरा के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रमोटरों और अन्य हितधारकों की शंकाओं का समाधान किया। कार्यशाला में एसएसपी हृदयकान्त, नवगछिया की एसपी प्रेरणा कुमार, बांका के एसपी उपेन्द्र नाथ वर्मा, डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह के अतिरिक्त भागलपुर एवं बांका के 12 नगर निकायों के अधिकारियों ने भी कार्यशला में हिस्सा लिया।
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