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शुद्ध पेयजल व बिजली की समस्या से जूझ रहे बाढ़पीड़ित

लीड पेज 4....बिजली की व्यवस्था नहीं रहने से पूरा क्षेत्र अंधेरा पसरा रहता है हानी, साहेबपुरकमाल, बलिया, बरौनी, तेघड़ा व बछवाड़ा प्रखंड की दर्जनों पंचायतें प्रभावित हैं। इस दौरान बिजली की व्यवस्था नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायThu, 19 Sep 2024 02:19 PM
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बेगूसराय/तेघड़ा, हिटी। गंगा नदी में बाढ़ से जिले के शाम्हो, मटिहानी, साहेबपुरकमाल, बलिया, बरौनी, तेघड़ा व बछवाड़ा प्रखंड की दर्जनों पंचायतें प्रभावित हैं। इस दौरान बिजली की व्यवस्था नहीं रहने से पूरा क्षेत्र अंधेरा पसरा रहता है। बाढ़पीड़ितों के मुताबिक घर पानी में डूबा हुआ है। ऐसे में सूखा स्थान पर जाने के लिए न तो नाव की व्यवस्था है और न बिजली की। दियारे के लोग एक बार फिर अपने माल- मवेशियों के साथ ऊंचे स्थलों पर शरण लेने को विवश हैं। सड़कों पर फिर से तीन से पांच फीट बाढ़ का पानी बहने लगा है। लोग पानी में डूबी सड़कों होकर आवाजाही कर रहे हैं। दियारा क्षेत्र के अस्पताल व सभी स्कूल परिसर में फिर बाढ़ का पानी जमा हो गया है। पानी में डूबी सड़क होकर गुजरने वाले राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश होने के बाद लोग अपने-अपने समान व मवेशी के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने लगे हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाकों के 125 स्कूलों को बंद कर दिया गया है। सीओ को आवश्यकतानुसार सामुदायिक किचन व नौका की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश डीएम ने दिया है। तेघड़ा से नि.प्र. के अनुसार बाढ़ पीड़ितों के लिए भगवानपुर चक्की में सामूहिक किचेन प्रारंभ कर दिया गया। लेकिन वहां के लोगों के लिए शौचालय की समस्या बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि बुधवार की शाम तक एक बड़ी नाव के साथ बिजली और पॉलीथीन की व्यवस्था कर दी गई। लेकिन शुद्ध पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे बाढ़ प्रभावित लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों ने कहा कि एसडीएम सहित कई अधिकारी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण कर कई तरह की परेशानी दूर कर दी है। इधरआधारपुर पंचायत के बिनलपुर में कई लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि चार दिनों से बाढ़ का पानी घरों में जमा है। लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई देखने भी नहीं पहुंचे हैं। नाव की व्यवस्था नहीं होने की बात कहते हुए रामउदगार महतो, सागर महतो कृष्णा देवी, रामपरी देवी आदि ने बताया कि घर के आसपास पानी फैला हुआ है। बिजली की व्यवस्था नहीं रहने से पूरा क्षेत्र अंधेरा पसरा रहता है। इनलोगों ने बताया कि घर पानी में डूबा हुआ है। ऐसे में सूखा स्थान पर जाने में न तो नाव की व्यवस्था है और न बिजली की। लोगों में भय समाया रहता है। एसडीएम राकेश कुमार गुरुवार को भी क्षेत्र का दौरा कर सभी पीड़ितों के लिए सभी उपयुक्त संसाधन उपलब्ध करने की बात कही है। दियारा क्षेत्र की स्थिति बनी भयावह मटिहानी, एक संवाददाता। गंगा नदी में आई उफान ने एक बार फिर दियारे क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। मटिहानी प्रखंड के दियारे में इस साल तीसरी बार बाढ़ का पानी लौटने के साथ ही स्थिति पहले से भी भयावह बन गई है। एक सप्ताह पूर्व दियारे के गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के साथ ही दियारे वासियों ने राहत की सांस ली थी। किंतु सितंबर के इस माह में अचानक आई बाढ़ ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। चाक, छितरौर, सिहमा, सिंहपुर, बलहपुर, मथार, कासिमपुर, खड़कपुर आदि गांव के सैकड़ो घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। सड़कों व खेतों में बाढ़ का पानी दो से पांच फीट तक लगा है। दियारे के लोग एक बार फिर अपने माल- मवेशियों के साथ ऊंचे स्थलों पर शरण लेने को विवश हैं। सभी सड़कों पर फिर तीन से पांच फीट ऊंचा बाढ़ का पानी बहने लगा है। लोग पानी में डूबी सड़कों होकर आवाजाही कर रहे हैं। दियारा क्षेत्र के अस्पताल व सभी स्कूल परिसर में फिर बाढ़ का पानी जमा हो चुका है। पानी में डूबी सड़क होकर गुजरने वाले राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। खोरमपुर निवासी रामप्रवेश यादव, जितेंद्र पासवान, मनोहर सिंह, जयनारायण सिंह, सिहमा निवासी संजय सिंह, रामनंदन सिंह, संजीव सिंह, महेंद्र यादव आदि ने बताया कि उनके आंगन में तीन फिट पानी लगी हुई है। 18 विद्यालय कों किया गया बंद दियारा क्षेत्र के विद्यालय परिसर में बाढ़ की पानी आ जाने के कारण मटिहानी प्रखंड के 18 विधालयों कों बंद किया गया है। लेखापाल धीरज प्रकाश ने बताया की विभागीय आदेशानुसार विधालय बंद कराया गया है। उन्होंने बताया की मध्य विधालय रचियाही दक्षिण, प्राथमिक विधालय पन्नापुर, सीतारामपुर, रचियाही विंद टोली सहित सात विद्यालय में बाढ़ की पानी प्रवेश कर जाने की सूचना शिक्षक के माध्यम से मिली है। इसे विभाग कों सूचना भेजी जा चुकी है। रबी फसल पर आफत मटिहानी। पहले सूखा के चपेट में खरीफ फसल खाक हो गयी और फिर गंगा नदी की लगातार तीसरी बार के गंगा नदी की बेमौसम बाढ़ के चपेट में आकर खरीफ फसल के साथ मटिहानी प्रखंड के रबी फसल का भविष्य भी डूबकर बर्बाद हो चुका है। माकपा नेता अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि मटिहानी प्रखंड को सूखाग्रस्त फिर बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की घोषणा और खेती किसानी तथा पशुपालक किसानों के बीच राहत कार्य किये जाने के बदले अधिकारी कागजी रिपोर्ट की खानापूर्ति में लगे रहे। उन्होंने बताया की ना तो राहत कार्य चलाया गया है, न ही सूखाग्रस्त, बाढ़ग्रस्त व अकाल क्षेत्र की घोषणा कर फसल की क्षतिपूर्ति का भुगतान हुआ है। खेती से जुड़े किसानों मजदूरों एव पशुपालकों की अवस्था भूखमरी से भी बदतर हो गई है। सिमरिया घाट बिंदटोली में घुसा बाढ़ का पानी सिमरिया धाम, एक संवाददाता। गंगानदी की जलस्तर में हुई वृद्धि के बाद बुधवार की देर रात एक ओर सिमरिया गंगातट पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत निर्माण किये गए स्थायी स्नान घाट जलमग्न हो गया। वहीं सिमरिया घाट बिंदटोली के कई वार्डों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश होने के बाद लोग अपने-अपने समान व मवेशी के साथ ऊंचे स्थानों पर शरण लेने लगे हैं। मल्हीपुर दक्षिण पंचायत के सरपंच रामबदन महतो, वार्ड सदस्य पंचानंद, रौदी कुमार, आनंद कुमार, दशरथ महतो ने बाढ़ क्षेत्र का मुआयना कर बताया कि पंचायत के वार्ड 13 व 14 के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार के बीच राहत समाग्री समेत अन्य सुविधाएं देने की मांग बरौनी सीओ व जिला प्रशासन से की है। विदित हो कि बुधवार को गंगा की जलस्तर हर घंटे एक सेमी वृद्धि हो रही है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल अधिकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह हाथीदह पर गंगा की जलस्तर 42.30 था। वहीं बुधवार की सुबह बढ़कर 42.80 हो गया। एक सप्ताह पूर्व गंगा की जलस्तर महज 42.480 था। बाढ़ नियंत्रण विभाग से जुड़े अधिकारियों के अनुसार मंगलवार की अपेक्षा बुधवार को गंगा की जलस्तर वृद्धि होने में थोड़ी कमी आई है।

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