Excavation Uncovers Archaeological Remains in Amarpur Attracting Local Attention मध्य विद्यालय के बच्चों ने पौराणिक अवशेषों को देखा, Banka Hindi News - Hindustan
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मध्य विद्यालय के बच्चों ने पौराणिक अवशेषों को देखा

अमरपुर (बांका), निज संवाददाता|अमरपुर (बांका), निज संवाददाता| अमरपुर के अठमाहा गांव के तालाब की खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक अवशेषों को

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाSun, 11 May 2025 05:00 AM
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मध्य विद्यालय के बच्चों ने पौराणिक अवशेषों को देखा

अमरपुर (बांका), निज संवाददाता| अमरपुर के अठमाहा गांव के तालाब की खुदाई के दौरान मिले पुरातात्विक अवशेषों को देखने प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। शनिवार को मध्य विद्यालय अठमाहा के छोटे-छोटे बच्चों ने शिक्षकों के साथ तालाब में जाकर अवशेषों को देखा। हालांकि अब तक प्रशासन द्वारा इसके संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। अधिकारियों द्वारा पुरातत्व विभाग को पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो दिनों से अठमाहा के आसपास के गांवों जिसमें कजरा, बाछनी, बिदुआ, रानीकित्ता आदि शामिल हैं, के ग्रामीणों ने इस जगह का अवलोकन किया।

अठमाहा के ग्रामीणों ने बताया कि आसपास के गांवों की महिलाएं तालाब में निकली ईंट को पूजा के लिए अपने घर ले जाना चाहतीं थीं। लेकिन गांव के लोगों ने सख्ती से इसे रोक दिया। स्थानीय लोगों ने कहा कि दिन में तो उस जगह की देखरेख हो जाती है लेकिन यदि रात में कोई ईंट ले जाने का प्रयास करे तो उसे कैसे रोका जा सकता है। ग्रामीणों ने तालाब के उस हिस्से के संरक्षण की मांग अधिकारियों से की है। इधर शनिवार को मध्य विद्यालय अठमाहा के छोटे-छोटे बच्चे कतारबद्ध होकर प्रभारी प्रधानाध्यापक दीनानाथ भारती के साथ तालाब पहुंचे। वहां प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों को पुरातात्विक अवशेषों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने पुरातात्विक अवशेष के महत्व को भी बताया। स्कूली बच्चों को अमरपुर के भदरिया एवं कजरा गांव में मिले बुद्ध कालीन एवं कुषाण कालीन पुरातात्विक अवशेषों के संबंध में जानकारी देते हुए कहा गया कि यह क्षेत्र पुरातत्व की खान है, यदि इसकी जांच कराई जाए तो यहां काफी पुरानी सभ्यता के सबूत मिल सकते हैं। स्थानीय लोगों ने कहा कि राज्य सरकार, पुरातत्व विभाग एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बांका जिले खासकर अमरपुर क्षेत्र को उपेक्षित रखे हुए हैं, इस वजह से यहां मिले पौराणिक अवशेषों की उपेक्षा हो रही है। यदि सही ढंग से इस क्षेत्र की खुदाई कराई जाए तो अमरपुर का पूरा क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र बन सकता है। इधर पुरातत्व के जानकार सतीश कुमार तथा झारखंड के पुरातत्वविद पंडित अनूप कुमार वाजपेयी ने भी कहा कि भदरिया, कजरा एवं अठमाहा में मिली ईंट यह साबित करने के लिए काफी है कि इस क्षेत्र में कुषाण काल या उसके पूर्व भी मानव सभ्यता थी। कजरा गांव एवं कजरा के घूमनी पहाड़ी पर मिले हाइड्रोलिक होल तथा लाल एवं काले मृदभांड जिसमें खिलौने, गाड़ी के पहिए, काले पत्थर से बने हस्त कुल्हाड़ी आदि शामिल हैं, इसकी जांच आवश्यक थी। जबकि भदरिया गांव में मिले ईंट की दीवार ने इस बात की पुष्टि कर दी कि यह क्षेत्र बौद्ध काल में तो समृद्ध था ही इसके पूर्व की सभ्यता भी काफी समृद्ध रही होगी। क्षेत्र के लोगों ने इन तीनों जगहों की जांच करने तथा इसकी खुदाई कराने की मांग की है।

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