दरभंगा में बागमती खतरे के निशान के पार, सड़क और घरों में पानी; उत्तर बिहार में बाढ़ से अभी भी परेशानी
Bihar Flood: सीतामढ़ी में बागमती के जलस्तर में कमी के बाद से बेलसंड व रुन्नीसैदपुर में बाढ़ में कमी आयी है। बेलसंड मुख्यालय से पानी निकल गया है। हालंकि, अब भी निचले इलाके जलजमाव हैं। रुन्नीसैदपुर में भी पानी घटा है।
Bihar Flood: उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में बाढ़ का पानी घटा है। लेकिन, स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। वहीं, दरभंगा जिले में बागमती और अधवारा नदी का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। बागमती का जलस्तर हायाघाट तथा अधवारा का जलस्तर कमतौल में लाल निशान को पार कर गया। दोनों नदियों के जलस्तर के बढ़ने का क्रम जारी है। बागमती का जलस्तर बढ़ने से हायाघाट नगर पंचायत के घरारी व नयाटोला में सड़कों पर पानी फैल गया है। इन इलाकों का सड़क संपर्क जिला व प्रखंड मुख्यालय से कट गया है।
वहीं, पूर्वी चंपारण के सुगौली में सिकरहना नदी का पानी उतरी सुगांव पंचायत के कुछ इलाकों में फैल गया है। दूसरी ओर, भागलपुर के पीरपैंती में चौखंडी पुल गुरुवार को बाढ़ की भेंट चढ़ गया। दर्जनों गांवों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाला यह पुल गंगा की बाढ़ में बह गया। 2004-5 में पंचायत समिति निधि से आठ लाख की लगात से पुल बना था। इसके ध्वस्त होने से लगभग 30 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अब उन्हें पीरपैंती थाना, रेलवे स्टेशन, रेफरल अस्पताल, बैंक, एटीएम आदि के लिए 10 किमी घूम कर जाना पड़ेगा। पुल 15 मीटर लंबा और 18 मीटर चौड़ा था।
पथ निर्माण विभाग के जेई एस कुमार ने स्थल निरीक्षण के बाद बताया कि पुल कैसे और क्यों टूटा, इसका जायजा लिया गया। उधर, समस्तीपुर में बागमती व बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ रहा है। पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व दरभंगा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब भी कई सड़कों पर पानी बह रहा है। घरों में भी पानी है। बड़ी संख्या में लोग तटबंधों और एनएच किनारे बदहाली का जीवन जी रहे हैं। सीतामढ़ी के बेलसंड व रुन्नीसैदपुर से रविवार से ब्लैक आउट है।
सीतामढ़ी में बागमती के जलस्तर में कमी
सीतामढ़ी में बागमती के जलस्तर में कमी के बाद से बेलसंड व रुन्नीसैदपुर में बाढ़ में कमी आयी है। बेलसंड मुख्यालय से पानी निकल गया है। हालंकि, अब भी निचले इलाके जलजमाव हैं। रुन्नीसैदपुर में भी पानी घटा है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। जिले के पुपरी व चोरौत में अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बांध पर दबाव बढ़ा है। चोरौत में महराजी बांध से हो रहे रिसाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। पुपरी में अधवारा नदी पर बने बांध में रिसाव हो रहा है। इससे लोगों में दहशत है।
कई जगहों पर बीमारियां फैलने की आशंका के बीच मेडिकल कैंप लगाकर लोगों की जांच की जा रही है। पश्चिम चंपारण में पानी तेजी से कम हो रहा है। इसके साथ ही लोगों को घरों की सफाई के साथ जीवन पर पटरी लाने की कठिन चुनौती है। पशुओं के चारा का गंभीर संकट है। फसलें बर्बाद हो गई हैं। लोगों का कहना है कि अगर जल्द दवाइयों का छिड़काव नहीं कराया गया तो बीमारियां फैल सकती है। हालांकि, अब भी लोग तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं और उनके सामने भोजन व पानी का संकट है।