पेट्रोल पंप से लेकर मंदिर तक सिक्के बन रहे हैं मुसीबत
लाखों के सिक्के फंसे बाजार में, लेनदेन करने में भी होती है परेशानी औरंगाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि औरंगाबाद जिले में सिक्के के लेनदेन में दुकानदारों से लेकर पेट्रोल पंप संचालक को परे

औरंगाबाद जिले में सिक्के के लेनदेन में दुकानदारों से लेकर पेट्रोल पंप संचालक को परेशानी हो रही है। लाखों रुपए के सिक्के विभिन्न जगहों पर अटके पड़े हैं। इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बैंक भी भारी संख्या में सिक्कों को लेने से मना कर रहा है। इसके पीछे वजह जो हो लेकिन लोग परेशान हैं। कुछ समय पूर्व मंदिरों में भी लाखों रुपए के सिक्के जमा हो गए थे जो धीरे-धीरे बैंकों में दिए जा रहे हैं। बैंकों ने इसके लिए भी हाथ खड़ा कर दिया था लेकिन बाद में कड़ाई करने पर कुछ नए नियम लगाकर सिक्के लेने का काम शुरू हुआ।
देव सूर्य मंदिर में वर्तमान में 30 हजार रुपये के सिक्के पड़े हुए हैं। पूर्व में लाखों के सिक्के यहां जमा थे। बताया गया कि बैंक में सौ के सिक्के का एक पैकेट बनाकर प्रत्येक दिन 25 सौ रुपये का सिक्का जमा होता है। फिलहाल इसमें कोई परेशानी नहीं है लेकिन नया नियम लगाने से दिक्कत होती है। सचिव विश्वजीत कुमार राय ने बताया कि सिक्का जमा लिया जा रहा है। सीमित मात्रा में इसे जमा करना है। बताया कि मंदिर में एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये और 10 रुपये के सिक्के लोग चढ़ावा के रूप में चढ़ाए जाते हैं। यहां प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन और पूजन करने आते हैं। दान पेटी में सिक्के डालकर लोग चले जाते हैं जिसे निकालकर गिनती करने के बाद न्यास समिति के माध्यम से ही बैंक में जमा किया जाता है। बैंकों के द्वारा भारी मात्रा में सिक्के लेने पर इंकार करने के बाद नई व्यवस्था के तहत सिक्के जमा हो पा रहे हैं। औरंगाबाद के एलडीएम आनंद वर्धन ने बताया कि सिक्के लेने पर कोई रोक नहीं है। बैंक सुविधा अनुसार सिक्के लेते हैं। एक बार में भारी मात्रा में सिक्के जमा लेने पर परेशानी होती है इसलिए लोगों से आग्रह किया जाता है कि वह बारी-बारी इसे जमा करें। ----------------------------------------------------------------------------------------- बाजार में सिक्कों के लेनदेन में काफी दिक्कतें हो रही है। एक, दो, पांच और 10 रुपये का सिक्का लेने में दुकानदार परहेज करते हैं। सब्जी बाजार से लेकर किराना सामान के विक्रेता, मिठाई दुकानदार सिक्के लेना नहीं चाहते हैं। ज्यादा जिद करने पर सिक्के लेते हैं लेकिन कई बार तो सीधे मना कर देते हैं। दुकानदारों का कहना है कि सिक्के का वजन ज्यादा होता है और उसे बैंक में जमा करने में काफी परेशानी होती है। बैंक के द्वारा ज्यादा सिक्के लेने से मना कर दिया जाता है। फुटपाथ पर सामान बेचने के क्रम में सिक्के सबसे ज्यादा आते हैं लेकिन बैंकों में जाने पर सभी सिक्के जमा करने से मना कर दिया जाता है। इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए।
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