बिहार के सुपौल में बीसैप के 250 जवान अचानक हुए बीमार, खाना खाने के बाद बिगड़ी तबीयत
रविवार की दोपहर का खाना खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ गई। जवानों को उल्टी और दस्त होने लगे। रात नौ बजे तक लगभग 250 जवान अनुमंडल अस्पताल पहुंच गए थे। वहीं इसके साथ-साथ भीमनगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार और वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर जबानों से उनका हाल चाल जाना।
सुपौल के भीमनगर स्थित बिहार विशेष सशस्त्रत्त् पुलिस की 12 वीं एवं 15 वी बटालियन में ट्रेनिंग के लिए आए लगभग 250 जवान रविवार को अचानक बीमार हो गए। बीमार जवानों का वीरपुर अनुमंडल अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। बताया गया कि रविवार की दोपहर का खाना खाने के बाद सभी की तबीयत बिगड़ गई। जवानों को उल्टी और दस्त होने लगे। रात नौ बजे तक लगभग 250 जवान अनुमंडल अस्पताल पहुंच गए थे। वहीं इसके साथ-साथ भीमनगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार और वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर जबानों से उनका हाल चाल जाना। जवानों की भीड़ के बीच एक ट्रेनी जवान मुकेश कुमार ने बताया कि लगातार ट्रेनिंग के दौरान खाना खराब मिल रहा था और इस खाने का लगातार जवानों के द्वारा विरोध किया जा रहा था। आज खाना खाने के बाद ट्रेनिंग कर रहे जवानों की तबीयत बिगड़ने लगी।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक साजिश हो सकती है। वहीं उपचार के दौरान मात्र अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक होने के चलते बीमार होने की आशंका में अनुमंडल अस्पताल पहुंचे बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के ट्रेनी जवानों ने अचानक हंगामा शुरू कर दिया। जवानों का कहना था कि इतने बड़े अस्पताल में मात्र एक चिकित्सक के द्वारा इलाज किया जा रहा है। ऐसे में तो इलाज होते होते सुबह हो जाएगी और इतने समय में किसकी जान बचेगी और कौन रहेगा ये कहना मुश्किल है। कई जवानों ने बताया कि अस्पताल में किसी भी दवा की सुविधा नहीं है। सभी दवा खरीदकर लानी पड़ रही है।
इस बीच इलाज करा रहे जवानों के बीच असमंजस और अफरातफरी की स्थिति दिखी। सभी बीमार जवान चाह रहे थे कि जल्दी से चिकित्सक आएं और उनका इलाज पहले हो जाए। लेकिन अस्पताल में एक ही चिकित्सक के रहने से परेशानी हुई। मामले की बाबत एसडीएम नीरज कुमार ने कहा कि ़फूड प्वाइजनिंग का मामला है। अभी वेट एंड वाच की स्थिति है। मैं अभी यहां बना हुआ हूं। वहीं एसपी शैशव यादव ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग का मामला लग रहा है। सभी जवान इलाजरत हैं। छह जवानों की स्थिति थोड़ी गंभीर है।