शिक्षा विभाग में एक और फर्जीवाड़ा उजागर, ACS एस सिद्धार्थ सख्त; नया फरमान जारी
- निरीक्षण रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने के कारण विभाग ने यह फैसला किया है। अब स्कूलों के निरीक्षण का कार्य जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) समेत छह अधिकारी ही करेंगे।
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ का नया फरमान सामने आया है। संविदा पर नियुक्त तथा बाहरी स्रोत (आउटसोर्स) से कार्यरत कर्मी अब स्कूलों का निरीक्षण नहीं करेंगे। इन सभी को निरीक्षण कार्य से मुक्त कर दिया गया है। इनके द्वारा निरीक्षण रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने के कारण विभाग ने यह फैसला किया है। विभाग ने साफ किया है कि अब स्कूलों के निरीक्षण का कार्य जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) समेत छह अधिकारी ही करेंगे।
इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने गुरुवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि निरीक्षण की गुणवत्ता तथा उपयोगिता बढ़ाने के लिए इसमें बदलाव किया गया है। अपने पत्र में भी उन्होंने इसका जिक्र किया है कि जिला शिक्षा कार्यालयों में संविदा अथवा आउटसोर्स के पदाधिकारियों-कर्मियों से प्राप्त निरीक्षण रिपोर्ट की समीक्षा में यह पाया गया कि वे लगभग फर्जी हैं।
स्थानीय जांच में उनकी निरीक्षण रिपोर्ट और स्थल की स्थिति में काफी भिन्नता पायी गयी है। साथ ही उनके द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में भी सचेतता और संवेदनशीलता की कमी पायी गयी है। इसलिए इन सभी को निरीक्षण कार्य से मुक्त किया जाता है। जिलों को साफ किया गया है कि किन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाना है, इसका निर्धारण अपर मुख्य सचिव (एसीएस) करेंगे। निरीक्षण के एक दिन पहले रात नौ बजे मोबाईल पर उस विद्यालय की सूचना संबंधित पदाधिकारी को दी जाएगी। निरीक्षण के बाद वह अपनी रिपोर्ट ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
सूचना गोपनीय रखी जाएगी
विभाग ने यह भी कहा है कि संबंधित पदाधिकारी निरीक्षण की सूचना को पूर्ण रूप से गोपनीय रखेंगे। निरीक्षण के दिन विद्यालय के किसी भी शिक्षक अथवा शिक्षा विभाग के किसी भी पदाधिकारी-कर्मी को बिना बताये वे विद्यालय की ओर प्रस्थान करेंगे। सभी निरीक्षण औचक होंगे। यदि किसी कारण, जैसे अस्वस्थता आदि को लेकर पदाधिकारी निरीक्षण नहीं करेंगे तो इसकी तत्काल सूचना वह विभाग के अपर सचिव को देंगे। फिर अगली तिथि और निरीक्षण वाले विद्यालय की जानकारी उन्हें एसीएस कार्यालय से मिलेगी। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में पठन-पाठन, शिक्षकों-बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन और आधारभूत संरचना आदि को देखेंगे।