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‘राजपूतों को बंधुआ मजदूर रखोगे तो…’, तिरहुत MLC चुनाव में हार पर आनंद मोहन जेडीयू नेताओं पर भड़के

तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट पर हुए उपचुनाव में एनडीए को मिली हार पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने अपनी ही पार्टी जेडीयू के नेताओं पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। उन्होंने इस चुनाव में राजपूत नेताओं की अनदेखी का आरोप लगाया।

Jayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटनाWed, 11 Dec 2024 10:38 PM
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बिहार के तिरहुत स्नातक एमएलसी उपचुनाव में एनडीए को मिली हार पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में घमासान छिड़ गया है। बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन ने राजपूतों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपनी ही पार्टी जेडीयू के नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर राजपूत नेताओं से बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार करेंगे तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा। तिरहुत स्नातक क्षेत्र में राजपूत जाति के पांच विधायक और दो सांसद हैं। मगर हमें पूछा तक नहीं गया। इसके अलावा उन्होंने शिक्षकों की भारी नाराजगी को भी तिरहुत स्नातक में एनडीए का हार का बड़ा कारण बताया। बता दें कि तिरहुत एमएलसी सीट पर उपचुनाव के नतीजों में जेडीयू चौथे नंबर पर रही है।

पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बुधवार को एक चैनल से बातचीत में कहा कि यह चुनाव एक व्यक्ति के अहंकार की भेंट चढ़ गया। तिरहुत से पूर्व एमएलसी रहे देवेश चंद्र ठाकुर की ओर इशारा करते हुए आनंद ने कहा, "हमारी पत्नी लवली आनंद शिवहर से सांसद हैं, वह वैशाली से भी एमपी रह चुकी हैं। बेटे चेतन आनंद शिवहर से विधायक हैं। हमें पूछा तक नहीं गया। इसके अलावा राजपूत समाज से आने वालीं सांसद वीणा सिंह, विधायक राजू सिंह, अरुण सिंह, अशोक सिंह, संजय सिंह के भी कहीं फोटो नहीं दिखे।"

आनंद मोहन ने आगे कहा कि शिक्षकों का आक्रोश उपचुनाव में एनडीए पर भारी पड़ गया। नीतीश सरकार को शिक्षकों के मुद्दों के साथ ही स्मार्ट मीटर और जमीन सर्वे पर भी आत्ममंथन करने की जरूरत है। शिक्षकों के आक्रोश की वजह से हमें तिरहुत में हार मिली। सीएम अगर विधानसभा में कुछ कहते हैं तो वह कानून बन जाता है। उस पर चुनाव से पहले अमल करना जरूरी है, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ता है, जो कि हमें हुआ।

पूर्व सांसद ने कहा कि अभी गांव-गांव में जमीन सर्वे हो रहा है, घर-घर झगड़े हो रहे हैं। अप्रशिक्षित अमीन सर्वे कर रहे हैं। नियमों में बदलाव हो रहा है। स्मार्ट मीटर में ज्यादा बिल आ रहा है, इससे लोगों में आक्रोश है। इस पर समय रहते ध्यान देना चाहिए। अपनी ही पार्टी पर भड़कते हुए आनंद मोहन ने कहा कि राजनीति में अहंकार की भाषा नहीं चलती है। जहां चूक हुई है, जेडीयू और एनडीए के नेताओं को बैठकर इसकी समीक्षा करनी चाहिए। आत्ममंथन करना चाहिए। तिरहुत स्नातक सीट पर जेडीयू एवं एनडीए की हार बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

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बता दें कि तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट पर उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को शिवहर, वैशाली, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में मतदान हुआ। 9 और 10 दिसंबर को मतगणना हुई, जिसमें निर्दलीय शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने जीत हासिल की। जन सुराज पार्टी के विनायक गौतम दूसरे तो आरजेडी के गोपी किशन तीसरे नंबर पर रहे। जेडीयू के अभिषेक झा को चौथे नंबर पर रहकर करारी हार का सामना करना पड़ा। यह सीट जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के इस्तीफे से खाली हुई थी।

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