शिक्षकों का आई कार्ड नहीं बनवा पाए, वो हमारी... देवेश ठाकुर पर बरसे तिरहुत के विजेता वंशीधर
तिरहुत एमएलसी उपचुनाव के विजेता और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने सीतामढ़ी से जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि वो शिक्षकों का आई कार्ड तक बनवा पाए थे। हम लोग जब अपने हक के लिए सड़कों पर सोए थे, तो वो कहां थे।
बिहार की तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट निर्दलीय प्रत्याशी वंशीधर ब्रजवासी ने जीत ली है। उन्होने दूसरे नंबर पर रहे जनसुराज के विनायक गौतम को 10195 वोटों से मात दी। वंशीधर को कुल 23003 वोट मिले थे। जेडीयू की सीट मानी जाने वाली तिरहुत में वंशीधर ने जीत का झंडा गाड़ दिया। वहीं लालू यादव की आरजेडी तीसरे नंबर, और जदयू चौथे नंबर पर खिसक गई। जीत से उत्साहित वंशीधर ब्रजवासी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर वो शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त नहीं हुए होते, तो शायद एमएलसी नहीं बन पाते, इसके लिए सरकार को धन्यवाद देंगे।
शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि बिहार किसी के बाप की बपौती नहीं है। यहां के संसाधनों पर हर शिक्षक, हर नौजवान और यहां जन्म लेने वाले हर बेटा-बेटी का अधिकार है। हमने अपना अधिकार लड़कर लिया है, छीनकर लिया है। यहां 6 सीट है, किसी भी विजेता को 20 हजार से ज्यादा वोट नहीं आता है। हमारे तो 65 हजार कार्यरत शिक्षक हैं। हम लोग समाज में जीने-मरने वाले लोग हैं। ब्रजवासी ने कहा कि वो सरकार को इसलिए धन्यवाद देना चाहेंगे क्योंकि अगर सरकार ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त नहीं किया होता तो आज वे एमएलसी नहीं बन पाते। सरकार ने कार्रवाई की तभी शिक्षक गोलबंद हुए और उसका नतीजा सामने है।
वहीं सीतामढ़ी से सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होने शिक्षकों के लिए केवल एक आवाज उठाई थी, साल 2022 में शिक्षकों का आई कार्ड बनाने की बात कही थी, वो तक नहीं बनवा सके है। जब हम लोग रोड पर सोए थे, तब कहां थे। शिक्षकों ने लड़कर अपना हक हासिल किया है। अन्य पार्टियों और लोगों के लिए ये चुनाव हो सकता है, लेकिन शिक्षकों के लिए ये संघर्ष है। तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी के शानदार जीत पर शिक्षकों में हर्ष का माहौल है।