Bihar Land Survey: कर्मियों की मनमानी, परिमार्जन में वसूली का खेल; सुपौल में सर्वे के खिलाफ गोलबंदी
खतियान या अन्य कागजात लेने पहुंचे लोगों को बताया जाता है कि रजिस्टर-2 क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जो बचा है वह आधा-अधूरा और कटे-फटे स्थिति में हैं। किसानों के नाम जमाबंदी और रकवा का परिमार्जन, दाखिल-खारिज लंबित हैं। पुराने कागजात कैथी भाषा में रहने के कारण कोई समझने और समझाने वाला नहीं मिल रहा है।
बिहार भूमि सर्वेक्षण-24 की सरकारी नीतियों के खिलाफ किसानों में आक्रोश पनपने लगा है। सुपौल में किसान मोर्चा के बैनर तले 20 सितंबर को प्रखंड कार्यालय परिसर में धरना देंगे। इसकी सफलता के लिए रैयतों को गोलबंद किया जा रहा है। अन्य जिलों में किसान आवश्यक कागजात जुटाने में परेशान हैं। इन दिनों कर्मियों को पोर्टल स्लो हो जाने का बहाना मिल गया है जिससे वे परिमार्जन और जमीनों की दाखिल खारिज को लेकर परेशान हैं।
सुपौल में नंद किशोर कुसियैत, बंटी बनैवार, राजेन्द्र यादव के नेतृत्व में रैयतों ने विभिन्न पंचायतों में रैली निकाल कर किसानों को जागरूक किया। इससे पहले प्रखंड मुख्यालय स्थित राम जानकी मंदिर ठाकुरवाड़ी परिसर में रैयतों ने सांसद पप्पू यादव के पिता के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उनकीआत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। किसानों ने बताया कि जब से सर्वेक्षण का कार्य शुरु हुआ है अंचल के कर्मचारियों की मनमानी शुरू हो गई है। जो सर्वेक्षण के दस्तावेज अंचल के कार्यालय में होना चाहिए, वे रैयतों से मांग करते हैं। इस सर्वे कार्य में लूट-खसोट पूरी तरह से हावी हो चुकी है।
खतियान या अन्य कागजात लेने पहुंचे लोगों को बताया कि रजिस्टर-2 क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जो बचा है वह आधा-अधूरा और कटे-फटे स्थिति में हैं। किसानों के नाम जमाबंदी और रकवा का परिमार्जन, दाखिल-खारिज लंबित हैं। पुराने कागजात कैथी भाषा में रहने के कारण कोई समझने और समझाने वाला नहीं मिल रहा है। जमाबंदी के कागजात में प्लॉट नंबर है तो चौहद्दी और रकवा नहीं चढ़ा है। सर्वे शुरू हुआ तो अंचल कार्यालय में मनमानी बढ़ गई है। ऐसे में सभी रैयतों को एकजुता के साथ गोलबंद होकर धरना के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना आवश्यक है।
बताते चलें कि बिहार के 45 हजार गांवों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। गांवों में आमसभा और शिविर के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जा रहा है। उन्हें सर्वे की जरूरी जानकारियां दी जा रही हैं। भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भूमि धारकों को पूरा सहयोग दें।