700 बीएलएस एंबुलेंस और 57 शव वाहन, बिहार की जनता पर स्वास्थ्य विभाग मेहरबान, अस्पताल पहुंचना होगा आसान
- राष्ट्रीय मानक के अनुसार एक लाख की आबादी पर एक बीएलएस और पांच लाख की आबादी पर एक एएलएस का प्रावधान है। बिहार में अभीं 1.19 लाख आबादी पर एक बीएलएस की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है।
बिहार में मरीजों को समय पर नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। 700 नयी बीएलएस ( बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस ) और 57 शव वाहन उपलब्ध कराने की योजना पर मुहर लग गई है। अस्पताल से मृतकों के शवों को घर ले जाने में भी अब आसानी होगी। वर्तमान में राज्य में 1575 एंबुलेंसों की सेवा अस्पतालों में उपलब्ध है। वहीं, राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से नये एंबुलेंस मरीजों की सेवा में उपलब्ध कराने को लेकर कार्रवाई की जा रही है। आकस्मिक स्थिति में मरीजों को अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाने में एम्बुलेंस की सुविधा संजीवनी साबित होती है।
वहीं, मरीज के स्वस्थ होने पर घर पहुंचाने में भी एंबुलेंस मददगार होता है। राज्य में वर्ष 2024-25 के जनवरी से अक्टूबर तक 1001 बीएलएस एवं 574 एएलएस ( एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस ) क्रियाशील है। नवंबर 2024 से नयी एजेंसी जेनप्लस प्राइवेट लिमिटेड ने 102 एम्बुलेंस सेवा की सेवा शुरू की है। नयी एजेंसी के माध्यम से जल्द ही 700 बीएलएस एवं 57 शव वाहन को 102 एम्बुलेंस सेवा में जोड़ेगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही इस व्यवस्था से बिहार की बड़ी आबादी को राहत मिलने वाली है। सबकुछ ठीक रहा तो अब उन्हें एंबुलेंस की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एक लाख की आबादी पर एक बीएलएस जरूरी
राष्ट्रीय मानक के अनुसार एक लाख की आबादी पर एक बीएलएस और पांच लाख की आबादी पर एक एएलएस का प्रावधान है। बिहार में अभीं 1.19 लाख आबादी पर एक बीएलएस की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है जो राष्ट्रीय मानक के लगभग बराबर है। वहीं 2.17 लाख की आबादी पर एक एएलएस की उपलब्धता है जो राष्ट्रीय मानक पांच लाख से काफी बेहतर है। सरकार ने कहा है कि राज्य सी सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में और सुधार लाए जाएंगे ताकि लोगों को समय से उचित इलाज की सुविधा मिल सके।