वाल्मीकिनगर में गंडक बराज पर निकला 10 फीट का मगरमच्छ, मची अफरातफरी
घंटों मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया।रेंजर शिव कुमार राम ने बताया,कि गंडक नदी से निकलकर गंडक बराज के कंट्रोल रूम के समीप पहुंच गया।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज के नदी में पानी कम पड़ जाने से इन दिनों रिहायशी क्षेत्र की ओर वन्य जीवों के निकलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में गुरूवार की सुबह गंडक बराज के कंट्रोल रूम के समीप गंडक नदी से निकलकर एक विशालकाय मगरमच्छ जा पहुँचा। जानवर को देख मॉर्निंग वॉक करने वाले राहगीरों में अफरा-तफरी मच गई। राहगीरों द्वारा तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। व
इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र के रेंजर शिव कुमार राम ने तत्काल वन कर्मियों की टीम को घटनास्थल पर रवाना किया। जहां घंटों मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ दिया। इस बाबत रेंजर शिव कुमार राम ने बताया,कि गंडक नदी से निकलकर गंडक बराज के कंट्रोल रूम के समीप पहुंच गया। जहां कड़ी मशक्कत के बाद पकड़े गए मगरमच्छ की लंबाई लगभग 10 फीट थी।
बताते चलें कि इन दिनों गंडक नदी के जल स्तर में कमी होने के कारण जलीय जीव कभी अक्सर आस पार के रिहायशी क्षेत्रों में चले आते हैं। कई बार इलाके में लोगों को नुकसान भी होता है। रेंजर ने लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के जलीय जीव या वन्यजीव दिखाई दे तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें। इसकी सूचना तुरंत वन कार्यालय को दें। वन विभाग के पदाधिकारी ने लोगों से सचेत और सतर्क रहने की अपील की। इन दिनों जंगल से निकले हाथी भी इलाके में उत्पात मचा रहे हैं। वन विभाग ने मुआवजा देने की घोषणा की है।