एकादशी के दिन तुलसी पर जल को नहीं चढ़ाते? क्या जानते हैं तुलसी को घर में रखने के ये नियम
Tulsi puja niyam: तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक मास की देउठनी एकादशी के दिन तो तुलसी विवाह भी किया जाता है। यहां हम बता रहे हैं कि अगर आपके घर में भी तुलसी है, तो आपको कुछ नियमों के बारे में पता होना चाहिए
तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। कार्तिक मास की देउठनी एकादशी के दिन तो तुलसी विवाह भी किया जाता है। यहां हम बता रहे हैं कि अगर आपके घर में भी तुलसी है, तो आपको कुछ नियमों के बारे में पता होना चाहिए। दरअसल शास्त्रों में तुलसी को माता लक्ष्मी का रूप माना गया, इसलिए हर रोज तुलसी की पूजा आराधना अवश्य करनी चाहिए। रोज सुबह तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए। शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना उत्तम होता है। रोजाना नहीं कर सकते तो एकादशी, पूर्णिमा के दिन तो जरूर शाम के समय भी घी का दीपक तुलसी में जलाना चाहिए।
अब बात करते हैं कि तुलसी को किस दिन जल अर्पित करना चाहिए। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के अनुसार रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल अर्पित नहीं करना चाहिए। वो बताते हैं कि इस दिन तुलसी माता का उपवास होता है और जल अर्पित करने से उनका उपवास भंग हो सकता है। इसके अलावा एकादशी, रविवार और पूर्णिमा पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। एक दिन पहले तोड़कर भी इन्हें इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपके घर की तुलसी सूख गई है तो आपको इसे फेंकना नहीं चाहिए,इसकी लकड़ी को संभालकर रख सकते हैं। तुलसी को कभी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए और शाम के समय इसके पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह के समय ही तोड़ना चाहिए। भगवान विष्णु और कृष्ण की पूजा में तुलसी दल जरूर अर्पित करें। बिना इनके भोग स्वीकार नहीं होता है। तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते, पूजा में तुलसी के पुराने पत्तों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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