Jivitputrika Vrat Kab hai: जितिया व्रत नहाय खाय के साथ आज से, जानें नहाय खाय पूजा विधि
छठ व्रत की तरह की जीवित्पुत्रिका व्रत का भी नहाय खाय किया जाता है। इसमें व्रती महिलाएं स्नान आदि करने के बाद पूजा-पाठ करके भोजन ग्रहण करती हैं और अगले दिन निर्जला व्रत रखती हैं। नहाय खाय के दिन लहसुन,
Jitiya vrat Nahay Khay: दो दिनों तक चलने वाला जितिया पर्व आज गुरुवार को नहाय खाय के साथ शुरू होगा। नहाय खाय के दिन महिलाएं नदी में स्नान कर घर में स्वादिष्ट भोजन बनाती है। जिसमे अरवा चावल का भात अरहर का दाल, पांच से सात प्रकार की सब्जी, पापड़, पकोड़ी बनती है। परिवार के सभी लोग मिलकर एक साथ भोजन करते है। वहीं दूसरे दिन शुक्रवार को व्रती महिलाएं निर्जला उपवास में रहकर जितिया पर्व करती है। मान्यता है कि यह पर्व अपनी संतानों के सुख समृद्धि के लिए किया जाता है। इसीलिए इस पर्व को जीवित पुत्रिका व्रत कहा जाता है। जितिया पर्व में बांस की बनी डलिया या कांसा पीतल के बर्तन में फल फूल से साजकर जीमूत वाहन भगवान की पूजा करती है।
शनिवार को सुबह स्नान के बाद सजे डलीया की पूजा के बाद डाली का प्रसाद परिवार के बीच बांटती है। व्रती महिलाए प्रसाद खाकर पारण करती है। इसके साथ जितिया पर्व संपन्न होता है। पर्व को लेकर पथरगामा बाजार में फलों की दुकानें सज गई है।
जितिया व्रत 2023 शुभ मुहूर्त-
अष्टमी तिथि 06 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ होगी और 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। यह पर्व तीन दिनों तक चलता है। इस बार यह व्रत 05 अक्टूबर से 07 अक्टूबर तक चलेगा।
जितिया व्रत 2022 व्रत पारण टाइमिंग-
जितिया व्रत का पारण 07 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बाद किया जा सकेगा, ऐसी मान्यता है की व्रत रखने से संतानों की आयु जहां लंबी होती है वहीं उन पर आने वाली तमाम प्रकार की व्याधियों भी मिट जाते हैं। छह अक्टूबर के दिन व्रती महिलाएं पूरा दिन निर्जला (बिना अन्य व पानी के) रहते हुए कथा श्रवण करेंगी। सात अक्टूबर को पारण के साथ यह व्रत संपन्न होगा।
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