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shradh 2022 pitru paksha : आज से शुरू होगा पितृ पक्ष, पितरों को लोग देंगे तर्पण, नदी-तालाबों के पास रहेगी भीड़

shradh 2022 pitru paksha arpan kaise karein rituals vidhi : इस पर्व पर लोग प्रात: सबसे पहले स्नान कर पितरों का स्मरण करते हैं। तर्पण करने के बाद घर में बने भोजन पकवानों की दोनियां निकालते हैं।

Yogesh Joshi संवाददाता, जौनपुरSat, 10 Sep 2022 05:40 AM
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पितृ पक्ष शनिवार से शुरू हो रहा है। शास्त्र और पुराणों के अनुसार पहले दिन सिर्फ डोम व पुरोहित तर्पण देते हैं इसलिए नदी व तालाबों के किनारे स्नान कर तर्पण करने वालों की संख्या कम रहेगी। रविवार से लोग अपने पितरों को तर्पण पिंडदान देकर श्राद्ध करेंगे।

इस पर्व पर लोग प्रात: सबसे पहले स्नान कर पितरों का स्मरण करते हैं। तर्पण करने के बाद घर में बने भोजन पकवानों की दोनियां निकालते हैं। पहली दोनियां गाय के लिए, दूसरी कुत्ता, तीसरी कौवे के नाम से निकाली जाती है। इस पर्व पर विद्वान ब्राह्मणों व सुपात्र लोगों को भोजन कराया जाता है। तपर्ण के लिए हाथ में जल, कुश, अक्षत व फूल लेकर दक्षिण दिशा में मुख करके जलांजलि दी जाती है। पितृ पक्ष में गया (बिहार) श्राद्ध व पिण्डदान के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान माना गया है। वाराणसी के पिशाचमोचन पर भी लोग पिंडदान व श्राद्ध करते हैं।

नदी के घाटों पर होता है तर्पण

पितृ पक्ष में नदी व तालाब के घाटों के अलावा लोग घरों पर अपने पूर्वजों को तर्पण व पिंडदान करते हैं। शहर में आदिगंगा गोमती के हनुमान घाट, विसर्जन घाट, सूरज घाट व अचला देवी घाट पर तर्पण पिंडदान करने वालों की भीड़ होती है। ग्रामीण अंचलों में प्राय: लोग घर पर ही तर्पण पिंडदान करते हैं। कई लोग पिशाचमोचन वाराणसी या गया जाकर अपने पितरों का श्राद्ध व पिंडदान करते हैं। जिले में कोई ऐसा विशेष स्थान श्राद्ध व पिंडदान करने के लिए नहीं है।

पितृ पक्ष में स्थगित रहेंगे शुभ कार्य

पितृपक्ष 10 सितम्बर को महालयारम्भ से शुरू होकर 25 सितम्बर तक रहेगा। इन दिनों हिन्दू धर्म के सभी शुभ कार्य स्थगित हो जाएंगे। पितृपक्ष में शादी-विवाह, मुंडन संस्कार, जनेऊ समेत अन्य शुभ कार्य वर्जित हैं। गया श्राद्ध करने जाने वाले लोग श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करते हैं। कर्मकांड व ज्योतिष के विद्वान पं.शीतला प्रसाद मिश्र कुसियां ने बताया कि 10 सितम्बर को पूर्णिमा तिथि पर महालयारम्भ हो रहा है। इस दिन भी लोग अपने पितरों का तर्पण व पिन्डदान करते हैं। 11 सितम्बर से पितृपक्ष में तर्पण पिंडदान किया जाएगा। सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या पर 25 सितम्बर को होगा। हिन्दू धर्म के सभी शुभ कार्य 26 सितम्बर को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ होने पर शुरू होंगे।

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