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Shradh Vidhi : तर्पण व दान से श्राद्ध कर पूर्वजों को करेंगे याद, नोट कर लें पूजन- विधि

shradh 2022 pitru paksha date timetable : पितृपक्ष शनिवार से प्रारंभ हो रह है। 25 सितंबर तक चलने वाले पितृपक्ष में तर्पण व दान करके लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर उन्हें याद करेंगे।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, बस्तीSun, 11 Sep 2022 05:40 AM
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पितृपक्ष शनिवार से प्रारंभ हो गया है। 25 सितंबर तक चलने वाले पितृपक्ष में तर्पण व दान करके लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर उन्हें याद करेंगे। नदियों, तालाबों और घरों पर भी लोग कटहल के पत्तों से तर्पण करेंगे।

पितृपक्ष का आरंभ भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होगा और समापन आश्विनी मास की अमावस्या को होगा। इस अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या करते हैं। ज्योतिषचार्य पं. यादुवेंद्र मिश्र के पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त पिंडदान करने की परंपरा है। पितृ पक्ष में लोग ब्रह्मभोज कराते हैं। और पितरों के निमित्त दान-पुण्य करते हैं। माना जाता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध न करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। पितृ तर्पण से प्रसन्न होकर पितर अपने परिजनों को सुखी और संपन्न रहने का आशीर्वाद देते हैं।

ऐसे किया जाता है तर्पण ज्योतिषाचार्य पं. विनोद मिश्रा बताते हैं कि पूर्व की तरफ मुख करके देवता, उत्तर की तरफ मुख करके सप्त ऋषियों को नमन करने के बाद दक्षिण की तरफ मुख करके तीन बार आचमन करें। ततपश्चात पित्रों को जल तर्पण करना चाहिए। उंगली में पैंती और धोती पहने रहें। सुविधा एवं नियमानुसार बाल-दाढ़ी और खानपान का ख्याल रखें। अधिकतर लोग पितृपक्ष में रोजाना अपने पितरों के लिए तर्पण करते हैं तो कुछ लोग श्राद्ध की तिथियों पर पितरों के नाम से ब्राह्मणों को भोजन कराकर श्राद्ध करते हैं। श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को आदरपूर्वक घर बुलाते हैं और उन्हें भोजन करवाकर यथासंभव दान-दक्षिण देकर विदा करते हैं।

श्राद्ध सामग्री के बाजार में आई तेजी, बढ़ी मांग शनिवार से आरंभ हो रहे पितृपक्ष में श्राद्ध व तर्पण सामग्री की खरीदारी में तेजी आई है। पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने और श्राद्ध करने के लिए रोली, सिंदूर, छोटी सुपारी, रक्षा सूत्र, चावल, जनेऊ, कपूर, हल्दी, देशी घी, माचिस, शहद, काला तिल, तुलसी पत्ता, पान का पत्ता, जौ, हवन सामग्री, गुड़, मिट्टी का दीया, रुई बत्ती, अगरबत्ती, दही, जौ का आटा, गंगाजल, खजूर, केला, सफेद फूल, उड़द, गाय का दूध, खीर, स्वांक के चावल, मूंग, गन्ना की जरूरत होती है।

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