Shani Pradosh: तुुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन राशि वाले 4 मार्च को करें ये उपाय
फाल्गुन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 4 मार्च शनिवार को रखा जाएगा। शनिवार को होने के कारण यह शनि प्रदोष व्रत कहलाता है। फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत कहलाता है। इस बार शनि प्रदोष व्
फाल्गुन माह का दूसरा प्रदोष व्रत 4 मार्च शनिवार को रखा जाएगा। शनिवार को होने के कारण यह शनि प्रदोष व्रत कहलाता है। फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत कहलाता है। इस बार शनि प्रदोष व्रत महाशिवरात्रि को था। इस व्रत को करने सुयोग्य संतान की प्राप्त होती है। शनि प्रदोष का व्रत एक तरफ शिव की अराधना के लिए तो खास है, वहीं शनिदेव की पूजा के लिए भी यह व्रत खास है। शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। इसलिए इस दिन प्रदोष काल में शिवशंकर की पूजा के साथ शनिदेव के उपाय खासकर शनि साढ़ेसाती, ढैया और महादशा वालों को करने चाहिए।
Shani Pradosh Vrat Katha: यह है शनि प्रदोष की संपूर्ण व्रत कथा, कथा पढ़ने के बाद करें ये काम
तुुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन राशि वाले इस दिन पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं और जल अर्पित करें। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का 04 मार्च दिन शनिवार सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर शुरू हुई और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 05 मार्च रविवार को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर होगी। प्रदोष पूजा का मुहूर्त 04 मार्च को प्राप्त हो रहा है। इसलिए शनि प्रदोष व्रत 04 मार्च को रखा जाएगा।
शनि प्रदोष व्रत पर शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव को तेल अर्पित करें और विधि- विधान से शनिदेव की पूजा- अर्चना करें। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करें
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