Pitru paksha 2022 date: चतुर्थी से नवमी के बीच करते हैं पितरों का श्राद्ध तो यहां जानें किस दिन पड़ेंगी ये तिथि
अगर आप भी चतुर्थी से लेकर नवमी की तिथि में किसी तिथि पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, तो आप यहां अपने पूर्वजों की तिथि जान सकते हैं। यहां समय के अऩुसार बताया गया है कि कब कौन सी तिथि शुरू हो रही
अगर आप भी चतुर्थी से लेकर नवमी की तिथि में किसी तिथि पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, तो आप यहां अपने पूर्वजों की तिथि जान सकते हैं। यहां समय के अऩुसार बताया गया है कि कब कौन सी तिथि शुरू हो रही है और कब कौन सी तिथि का समापन हो रहा है। इसके अलावा इन दिनों जिउतिया व्रत भी है। अष्टमी तिथि को जितिया व्रत किया जाता है। यह व्रत माताएं अपनी संतान के लिए करती हैं, यहां जानें 13 से लेकर 19 सितंबर तक के व्रत और त्योहार
Pitru Paksha 2022: श्राद्ध का पहला भाग अग्नि के लिए निकाला जाता है, जानें क्यों होता है ऐसा, पढ़ें कथा
13 सितंबर (मंगलवार) आश्विन कृष्ण तृतीया प्रात 10 बजकर 38 मिनट तक उपरांत चतुर्थी। चतुर्थी श्राद्ध प्रात 10 बजकर 38 मिनट के बाद।
14 सितंबर (बुधवार) आश्विन कृष्ण चतुर्थी प्रात 10 बजकर 26 मिनट तक पश्चात पंचमी। पंचमी श्राद्ध प्रात10 बजकर 26 मिनट के बाद।
15 सितंबर (गुरुवार) आश्विन कृष्ण पंचमी प्रात 11 बजकर 1 मिनट तक। षष्ठी श्राद्ध प्रात 11 बजकर 1 मिनट किे बाद
16 सितंबर (शुक्रवार) आश्विन कृष्ण षष्ठी मध्याह्न 12 बजकर 20 मिनट तक उपरांत सप्तमी।
17 सितंबर (शनिवार) आश्विन कृष्ण सप्तमी मध्याह्न 2 बजकर 15 मिनट तक।
18 सितंबर (रविवार) आश्विन कृष्ण अष्टमी सायं 4 बजकर 34 मिनट तक उपरांत नवमी। जिउतिया व्रत भी है इस दिन
19 सितंबर (सोमवार) आश्विन कृष्ण नवमी सायं 7 बजकर 2 मिनट तक तदनन्तर दशमी। मातृ नवमी।
पं. वेणीमाधव गोस्वामी
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