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Shardiya Navratri 2024 Mata ki sawari: माता की सवारी इस बार पालकी, जानें देवी की हर सवारी का प्रभाव

Navratri 2024 Mata ki sawari: शारदीय नवरात्रि तीन अक्तूबर से प्रारंभ हो रहे हैं। इस नवरात्रि पर देवी दुर्गा का आगमन पालकी पर और प्रस्थान मुर्गे पर हो रहा है। इस बार मां का आगमन और प्रस्थान दोनों ही शुभ नहीं है।

Anuradha Pandey हिन्दुस्तान टीमTue, 1 Oct 2024 07:27 AM
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शारदीय नवरात्रि तीन अक्तूबर से प्रारंभ हो रहे हैं। इस नवरात्रि पर देवी दुर्गा का आगमन पालकी पर और प्रस्थान मुर्गे पर हो रहा है। इस बार मां का आगमन और प्रस्थान दोनों ही शुभ नहीं है। इससे सालभर देश के लिए चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनने की आशंका है। इस वर्ष नवरात्रि पूरे नौ दिन के हैं यानी कोई तिथि घट या बढ़ नहीं रही है।

देवी भागवत के अनुसार मां दुर्गा का वाहन शेर है। लेकिन, देवी हर वर्ष नवरात्रि में अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। नवरात्रि में देवी किस वाहन पर सवार होकर आएंगी, इसके दिन तय हैं। देवी भागवत में इस संबंध में एक श्लोक है—

‘शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।

गुरौ शुक्रे दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता॥’

रविवार या सोमवार के दिन कलश की स्थापना होने पर देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। देवी का हाथी पर सवार होकर आना शुभ होता है। यह अच्छी वर्षा का प्रतीक है। साथ ही मेहनत का फल और मां की कृपा प्राप्त होती है। शनिवार या मंगलवार के दिन नवरात्र प्रारंभ होने पर देवी का वाहन घोड़ा होता है। मां दुर्गा का घोड़े पर आना सत्ता परिवर्तन या युद्ध का प्रतीक है। यह विपक्ष के लिए शुभ और सत्ता पक्ष के लिए प्रतिकूल स्थिति बनाता है।

बृहस्पतिवार या शुक्रवार के दिन नवरात्रि प्रारंभ हो तो देवी पालकी में बैठकर आती हैं। यह अशुभता का प्रतीक है। इससे महामारी, प्राकृतिक आपदा, उपद्रव, दंगे और जन हानि जैसी स्थितियां पैदा होती हैं।

इसी प्रकार बुधवार के दिन नवरात्रि की शुरुआत हो तो देवी दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं। देवी का नाव पर आगमन हर प्रकार से शुभ होता है। भरपूर बारिश और अच्छी फसल होती है। कष्ट दूर होने के साथ-साथ सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

यह स्वाभाविक है कि जब देवी का आगमन होगा, तो उनकी विदाई भी होगी। माता की विदाई दशमी को होती है। उस दिन रविवार या सोमवार हो तो देवी भैंसे पर सवार होकर जाती हैं। इसका प्रभाव राष्ट्र के लिए अशुभ होता है। यह रोग और शोककारक स्थितियां बनाता है।

शनिवार या मंगलवार के दिन दशमी होने पर देवी की सवारी मुर्गा होती है। इसके अशुभ फल होते हैं। इससे दुखों और कष्टों में वृद्धि होती है। अगर विदाई बुधवार या शुक्रवार के दिन हो तो देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर जाती हैं। यह शुभ माना जाता है। इसका अर्थ है कि आपको आपके अच्छे कार्यों का फल मिलेगा।

बृहस्पतिवार के दिन दशमी हो तो देवी दुर्गा की सवारी मनुष्य होती है। यह शुभ फलदायक होती है। इससे देश में चारों तरफ सुख-शांति और संपन्नता होती है।

अरुण कुमार जैमिनि

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