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Ravidas Jayanti: रविदास जयंती 12 फरवरी को, जानें इतिहास व उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

  • Ravidas Jayanti Kab Hai 2025: संत रविदास भारत के महान संतों में से एक हैं। संत रविदास ने अपने वचनों व दोहों से भक्ति की अलग छाप दुनिया में छोड़ी। आज भी लोग उन्हें उनके वचनों व दोहों के लिए याद करते हैं। जानें रविदास जयंती कब है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 11 Feb 2025 09:27 PM
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Ravidas Jayanti: रविदास जयंती 12 फरवरी को, जानें इतिहास व उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

Ravidash Jayanti 2025 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ पूर्णिमा को संत रविदास जयंती मनाई जाती है। इस साल संत रविदास जयंती 12 फरवरी 2025, बुधवार को है। संत रविदास ने रविदासिया पंथ की स्थापना की थी। इन्हें संत शिरोमणि की उपाधि दी गई थीं। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म 1377 ई. में उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के किसी गांव में हुआ था, जबकि कुछ विद्वानों का मानना है कि उनका वर्ष 1399 में हुआ था। गुरु रविदास को रैदास, रोहिदास एवं रूहीदास के नाम से भी जाना जाता है।

भक्ति आंदोलन के थे प्रसिद्ध संत-

गुरु भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत थे। उनके भक्ति गीतों व छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थाई प्रभाव डाला था। महान संत गुरु रविदास को और उनके योगदान को आज भी दुनिया याद करती है और उनके सम्मान में हर साल रविदास जयंती का पर्व मनाया जाता है।

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समाज सुधार में दिया खास योगदान:

गुरु रविदास जी का शिक्षा के अलावा समाज सुधार में भी विशेष योगदान देखने को मिलता है। उन्होंने समाजिक समानता के लिए अपनी आवाज उठाई और इस विषय के बारे में लोगों को जागरूक किया था।

कैसे बने संत शिरोमणि: पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार संत रविदास को उनके पिता ने घर से निकाल दिया था। जिसके बाद वे एक कुटिया में रहने लगे और साधु-संतों की सेवा करने लगे थे। संत रविदास जूते-चप्पल बनाते थे। फिर वह भक्ति आंदोलन का हिस्सा बनें। कुछ संत रविदास के विचारों से प्रभावित होने लगे और उनके अनुयायियों की संख्या लगातार बढ़ती गई। तभी से वे गुरु रविदास शिरोमणि के रूप में प्रसिद्ध हुए।

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गुरु रविदास जी के अनमोल विचार- 1. कोई भी व्यक्ति जन्म से छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन अपने कर्मों से छोटा-बड़ा होता है।

2. भगवान उस व्यक्ति के हृदय में वास करते हैं, जहां किसी तरह का बैर भाव नहीं होता है।

संत रविदास जयंती कैसे मनाते हैं: इस साल गुरु रविदास जी की 648वीं जन्म वर्षगांठ है। इस दिन संत रविदास के भक्त भजन कीर्तन करते हैं, शोभा यात्रा निकालते हैं व लंगर आदि का आयोजन करते हैं।

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