पुत्र प्राप्ति का अमोघ माध्यम है पुत्रदा एकादशी, अब अगली पुत्रदा एकादशी अगस्त में इस तारीख को होगी
पुत्रदा एकादशी का व्रत दंपतियों के लिए पुत्र प्राप्ति का अमोघ माध्यम है। नियम संयम के साथ इस तिथि पर उपवास कर श्रीहरि का पूजन करने से पुत्र प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है। पुत्रदा एकादशी का व्रत इस वर्ष 10 जनवरी को रखा जाएगा।
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पुत्रदा एकादशी का व्रत दंपतियों के लिए पुत्र प्राप्ति का अमोघ माध्यम है। नियम संयम के साथ इस तिथि पर उपवास कर श्रीहरि का पूजन करने से पुत्र प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है। पुत्रदा एकादशी का व्रत इस वर्ष 10 जनवरी को रखा जाएगा।
एकादशी मास में दो बार पड़ती है। सबकी अपनी-अपनी महिमा है। पौष मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि पुत्रदा एकादशी के रूप में जानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णुजी की विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी। ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि पौष शुक्लपक्ष की एकादशी 9 जनवरी दिन में 12:23 बजे पर लग चुकी है। यह 10 जनवरी को सुबह 10:20 बजे तक रहेगी। उदयातिथि में एकादशी 10 जनवरी को पड़ने से उसी दिन इसका मान होगा। आपको बता दें कि साल में दो बार पुत्रदा एकादशी आती है। एख पौष पूर्णिमा में और दूसरी सावन में । अब अगली सावन की पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त को होगी। नीचे आप सालभर की एकादशी की तिथियां जान सकते हैं।
पुत्रदा एकादशी व्रत का संकल्प लेकर भगवान श्रीहरि की अर्चना के बाद श्रीविष्णु सहस्रनाम, श्रीपुरुषसूक्त तथा श्रीविष्णुजी से संबंधित मंत्र ‘ऊँ श्रीविष्णवे नम:’ अथवा ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप अधिक से अधिक संख्या में करना चाहिए। पूरे दिन व्रत रखकर द्वादशी तिथि में पारण किया जाता है। एकादशी पर चावल ग्रहण नहीं करना चाहिए। विशेष परिस्थितियों में दूध या फलाहार ग्रहण किया जा सकता है।
वर्ष 2025 में पड़ने वाले समस्त एकादशी व्रत
पुत्रदा एकादशी-10 जनवरी, षट्तिला एकादशी 25 जनवरी, जया एकादशी-8 फरवरी, विजया एकादशी-24 फरवरी, सोमवार आमलकी (रंगभरी) एकादशी 10 मार्च, पापमोचनी एकादशी-25 मार्च, कामदा एकादशी-8 अप्रैल, वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल, मोहिनी एकादशी-8 मई, अचला एकादशी 23 मई, निर्जला एकादशी 6 जून, योगिनी एकादशी-21 जून, हरिशयनी एकादशी 6 जुलाई, कामदा एकादशी 21 जुलाई, पुत्रदा एकादशी-5 अगस्त को होगी।, जया एकादशी-19 अगस्त, पद्मा/जलझूलनी एकादशी-3 सितंबर, इंदिरा एकादशी-17 सितंबर, पापांकुशा एकादशी 3 अक्तूबर, रम्भा एकादशी 17 अक्तूबर, ड्ट प्रबोधिनी/देवोत्थानी एकादशी-2 नवंबर, उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर, मोक्षदा एकादशी-1 दिससंबर, सफला एकादशी 15 दिसंबर।
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