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गणेश चतुर्थी 7 अगस्त को, वास्तुशास्त्र के अनुसार इस तरह स्थापित करें गणेश जी की प्रतिमा

  • हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्स्व मनाया जाता है। इस साल सात सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानThu, 5 Sep 2024 04:59 AM
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हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्स्व मनाया जाता है। इस साल सात सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को संध्याकाल 5 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। प्रदोष काल और निशा काल में होने वाली पूजा को छोड़कर सभी व्रत-त्योहार के लिए उदया तिथि से गणना की जाती है। इसलिए गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को ही मनाई जाएगी।

गणेश जी की प्रतिमा की होती है स्थापना-

गणेश प्रतिमा स्थापना के समय तक व्रत-उपवास रखा जाता है। गणेश चतुर्थी और गणेश उत्सव का पर्व जिले में भी धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। 

इस तरह स्थापित करें गणेश प्रतिमा

वास्तुशास्त्र के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति को घर के ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। यदि ईशान कोण में रिक्त स्थान उपलब्ध ना हो तो मूर्ति को पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में भी स्थापित कर सकते हैं।

ऐसी मूर्ति घर लाएं: गणेश जी की प्रतिमा घर लाते समय ध्यान दें कि मूर्ति के साथ उनके हाथों में मोदक और उनका वाहन मूषक जरूर हो क्योंकि गणेश जी को मोदक अति प्रिय है। गणपति बप्पा की बैठी हुई मुद्रा में मूर्ति सबसे शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस मूर्ति को घर लाने से परिवार के प्रत्येक सदस्यों के शुभ-सौभाग्य में वृद्धि होती है। सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। कभी भी घर में ऐसी मूर्ति स्थापित ना करें, जिसमें गणेश जी खड़े हों। 

 

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