Hindi Newsपश्चिम बंगाल न्यूज़CBI seeks Death punishment in RG Kar doctor rape and murder case Judgement on January 18

सजा-ए-मौत दीजिए मीलॉर्ड, कोलकाता रेप कांड में संजय रॉय के लिए CBI की मांग; फैसला कब

गुरुवार को इस मुकदमे की सुनवाई पूरी हो गई, जिसके बाद सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि फैसला 18 जनवरी को सुनाया जाएगा।

Pramod Praveen पीटीआई, कोलकाताThu, 9 Jan 2025 08:47 PM
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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले वर्ष अगस्त में ड्यूटी पर तैनात एक ट्रेनी महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने आरोपी संजय रॉय को मौत की सजा देने का अनुरोध किया है। सियालदह की सीबीआई अदालत इस मामले में अब 18 जनवरी को फैसला सुनाएंगे। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई को मामले की जांच सौंपी गई थी।

गुरुवार को इस मुकदमे की सुनवाई पूरी हो गई, जिसके बाद सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि फैसला 18 जनवरी को सुनाया जाएगा। मृतक महिला चिकित्सक के माता-पिता ने उम्मीद जताई है कि अपराध में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार करके अदालत में उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।

महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सभागार में मिला था। कोलकाता पुलिस ने आरोपी रॉय को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया था। दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की बंद कमरे में सुनवाई 12 नवंबर को शुरू हुई थी।

इस अपराध के कारण देशभर में आक्रोश फैल गया था और कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों ने पीड़िता के लिए न्याय और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम की मांग करते हुए लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया था। कोलकाता पुलिस ने 31 वर्षीय महिला चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कथित भूमिका के लिए 10 अगस्त को नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था।

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हालांकि, यह फैसला मृतका के माता-पिता या प्रदर्शनकारियों को संतुष्ट करने में विफल रहा, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपराध में कई लोग शामिल थे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मृतक महिला चिकित्सक के माता-पिता की याचिका और कई जनहित याचिकाओं (पीआईएल) के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। बाद में उच्चतम न्यायालय ने भी मामले पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने मामले को ठीक से न संभालने और 14 अगस्त को हुई तोड़फोड़ के लिए राज्य सरकार, कोलकाता पुलिस और अस्पताल प्रशासन की आलोचना की थी।

प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि चिकित्सक की हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने अस्पताल में गड़बड़ियों का खुलासा किया था। बाद में प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाने की भी मांग की और उन पर मामले को संभालने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। स्वास्थ्य मंत्री का प्रभार संभाल रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से काम पर लौटने का आग्रह किया लेकिन चिकित्सकों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा और न्याय की मांग के लिए पूरे राज्य में रैलियां निकालीं थीं।

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