आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामला: डॉक्टरों को स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा पर 12 सप्ताह में फाइनल रिपोर्ट दे एनटीएफ
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) को 12 सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश कोलकाता...
नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने के लिए गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) को 12 सप्ताह के भीतर अपना फाइनल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने सभी हित धारकों को अपना सुझाव और सिफारिश एनटीएफ के साथ-साथ साझा करने का निर्देश दिया है ताकि स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश बनाने पर अंतिम रिपोर्ट तैयार हो सके।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। पीठ ने एनटीएफ को 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट विचारार्थ दाखिल करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि मामले के सभी पक्षकारों को अपना सुझाव एनटीएफ को देने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह तय कर दी। शीर्ष अदालत ने चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 20 अगस्त को एनटीएफ का गठन किया था। इस मामले में एनटीएफ ने गत माह नवंबर में सुप्रीम कोर्ट में अपना रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए अलग से नये कानून बनाने की आवश्यकता नहीं है। एनटीएफ ने कहा था कि राज्य के कानूनों में भारतीय नागरिक संहिता, 2023 के तहत गंभीर अपराधों के अलावा दिन-प्रतिदिन के छोटे अपराधों से निपटने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं। अपनी रिपोर्ट में कई सिफारिशों में, एनटीएफ ने कहा कि 24 राज्यों ने पहले ही स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हिंसा से निपटने के लिए कानून बनाए हैं, जिसके तहत स्वास्थ्य देखभाल संस्थान और चिकित्सा पेशेवर शब्दों को भी परिभाषित किया गया है।
एक माह में पूरी होगी दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले की सुनवाई (ट्रायल) एक माह के भीतर पूरी होने की संभावना है। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश नई रिपोर्ट पर विचार करने के बाद यह टिप्पणी की।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सियालदह में विशेष अदालत में सोमवार से गुरुवार तक रोजाना आधार पर सुनवाई चल रही है और 43 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 81 गवाहों का परीक्षण होना है। पीठ ने कहा कि यदि दुष्कर्म और हत्या की सुनवाई में देरी होती है तो पक्ष शीर्ष अदालत में पहले सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के मामले की अलग से जांच की गई है और आरोप पत्र दाखिल किया गया है। मेहता ने कहा कि इस मामले में अभियोजन के लिए राज्य सरकार से मंजूरी का इंतजार है क्योंकि आरोपी व्यक्ति सरकारी कर्मचारी हैं।
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