धधकता हुआ लावा उगलता है यह चंद्रमा, नासा ने शेयर किया हैरान करने वाला वीडियो
- धरती पर तो कई जगहों पर भी ज्वालामुखी है। लेकिन क्या आपको पता है हमारे सौरमंडल में भी सक्रिय ज्वालामुखी है।
धरती पर तो कई जगहों पर भी ज्वालामुखी है। लेकिन क्या आपको पता है हमारे सौरमंडल में भी सक्रिय ज्वालामुखी है। नासा ने बताया है कि सौरमंडल में एक ऐसा चंद्रमा है जो ज्वालामुखी की तरह आग उगलता रहता है। यह बृहस्पति ग्रह का तीसरा सबसे बड़ा चंद्रमा आईओ है। इस चंद्रमा की सतह तो चट्टान जैसी है, लेकिन इसमें से लगातार लावा निकलता रहता है। इसकी यह ज्वालामुखीय गतिविधि आसमान को सल्फर डाइऑक्साइड से भर देती है। यह हमारी सौर दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है और हमारे अपने चंद्रमा से थोड़ा ही बड़ा है।
नासा के मुताबिक आईओ पर 400 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं। इनसे लगातार लावा निकलता रहता है। हाल ही में नासा के जूनो मिशन के दौरान आईओ के ज्वालामुखीय गतिविधियों के स्रोत को लेकर 44 साल पुराना रहस्य खुला है। नासा ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट भी किया है। इसमें उसने लिखा है कि हमारे जूनो मिशन से यह जानकारी सामने आई है कि बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा आईओ पर एक लावा उगलता ज्वालामुखी है।
वैसे तो आईओ की खोज 1610 में ही हो गई थी। लेकिन यहां पर ज्वालामुखी है, इस बात की जानकारी साल 1979 में हुई थी। नासा के वैज्ञानिक लिंडा मोराबिटो ने इसकी खोज की थी। जूनो के प्रमुख खोजकर्ता स्कॉट बोल्टन ने बताया कि मोराबिटो की खोज के बाद सौरमंडलीय वैज्ञानिकों को हैरानी थी कि आखिर आईओ की सतह में लावा कहां से पहुंचता है। नासा के वोयेजर 1 स्पेसक्राफ्ट ने 1979 में सबसे पहले आईओ पर फूटते हुए ज्वालामुखी की तस्वीर खींची थी।
आईओ यह लगातार सिकुड़ता रहता है। जब यह सिकुड़ता है तो अंदर काफी गर्मी पैदा होती है जिसके चलते लावा फूटता है। आईओ के मामले में, वैज्ञानिकों ने सिद्धांत दिया है कि यह हीटिंग आईओ के रॉक इंटीरियर को पिघलाने के लिए पर्याप्त महत्वपूर्ण हो सकता है। यह एक वैश्विक उपसतह मैग्मा महासागर बनाता है, जो यह समझाने में मदद करेगा कि ज्वालामुखी इतने व्यापक क्यों हैं।
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