अभिषेक ने कहा कि परिणाम आने पर विश्वास ही नहीं हुआ कि वह प्रदेश में दूसरे स्थान पर आए हैं। उन्होंने कहा कि तैयारी तो खूब की थी। रोजना छह-सात घंटे विद्यालय के अतिरिक्त घर में ही पढ़ता था। परीक्षा भी बेहतर हुई थी। नम्बर अच्छे आने की संभावना थी, मगर प्रदेश में दूसरा स्थान आने की उम्मीद नहीं थी।