पेंशन-पीएफ के लिए नहीं पड़ेगा भटकना, अब बैंक एकाउंट में ऐसे आएंगे रुपये
- मंडलीय अपर निदेशक हर महीने की 25 तारीख को बकाया भुगतान से जुड़े मामलों की समीक्षा करेंगे और महानिदेशालय व निदेशालय को रिपोर्ट देंगे। सूत्रों के अनुसार सभी मंडलीय अपर निदेशक और सीईओ को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक और कर्मचारियों को पेंशन और अन्य वित्तीय देयकों के तुंरत भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने टाइम टेबल तय कर दिया है। सेवानिवृत्ति से दो साल पहले हर शिक्षक-कर्मचारी की सभी जरूरी कागजी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। हर साल जनवरी के पहले हफ्ते में रिटायर होने वाले कार्मिकों की महीनावार लिस्ट तैयार की जाएगी।
मंडलीय अपर निदेशक हर महीने की 25 तारीख को बकाया भुगतान से जुड़े मामलों की समीक्षा करेंगे और महानिदेशालय व निदेशालय को रिपोर्ट देंगे। सूत्रों के अनुसार सभी मंडलीय अपर निदेशक और सीईओ को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षक-कर्मियों के पेंशन-भत्तों के भुगतान में विलंब के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से शिक्षा विभाग इस विषय पर हरकत में आया है। सेवा का अधिकार आयोग भी शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर कर चुका है।
अवकाश नगदीकरण और बीमा राशि का भुगतान भी समय पर सामूहिक भविष्य निर्वाह निधि (एनपीएस) में एक साल पहले ही वेतन से की गई सभी कटौतियों का ब्योरा पासबुक ब्याज को शामिल करते हुए महालेखाकार को भेज दिया जाएगा।
महालेखाकार से पासबुक मिलान होने पर तत्काल 90 प्रतिशत भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निदेशालय को पत्र भेजा जाएगा। साथ ही अवकाश नगदीकरण के मामलों में रिटायरमेंट के छह माह पहले ही अवकाश का ब्योरा तैयार कर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
इसके अलावा रिटायरमेंट से एक महीने के भीतर सामूहिक बीमा का भुगतान भी करना होगा। महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने बताया कि रिटायर होने वाले शिक्षक-कार्मिकों के वित्तीय देयकों का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।
अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि सभी जरूरी दस्तावेजी तय टाइम टेबल के अनुसार कार्मिक के रिटायर होने से पहले पहले ही पूरा लिया जाए।
सालों से पेंशन के लिए चक्कर काट रहे शिक्षक
सेवा का अधिकार आयोग द्वारा रिटायर शिक्षकों के पेंशन, जीपीएफ, बीमा आदि देयकों के लंबित मामलों का जो ब्योरा शिक्षा विभाग को भेजा गया है वह काफी दर्दनाक है। कई शिक्षक आठ-आठ साल से भटक रहे हैं तो कुछ की मृत्यु भी हो चुकी है। पौड़ी गढ़वाल में सहायक अध्यापक एचएस रावत की सात दिसंबर 2019 के मृत्यु हो गई थी।
शिक्षक सीवी ध्यानी का निधन भी 10 अप्रैल 2019 को गया था। उनकी पेंशन में भी पेच फंसा है। सात दिसंबर 2014 को रिटायर हुए सहायक अध्यापक राकेश चौहान की पेंशन रुकने का कारण बजट का अभाव बताया गया है। उत्तरकाशी की सहायक अध्यापक गायत्री तिवारी 30 जून 2016 को रिटायर हुई थीं। उनके वित्तीय देयक भी लटके हुए हैं। ऐसे कुल 163 मामले हैं।
पेंशन की प्रक्रिया तय
-हर साल जनवरी के पहले हफ्ते में रिटायर होने वाले कार्मिकों की महीनावार सूची तैयार की जाएगी
- रिटायर होने वाले कार्मिक के सर्विस रिकार्ड की दो साल पहले से ही जांच शुरू कर दी जाएगी
- कर्मचारी के रिटायरमेंट से 16 महीना पहले से पेंशन संबंधी दस्तावेजों को अपडेट कराना होगा
- रिटायरमेंट के छह महीना पहले ही पेंशन जारी करने के लिए विभागी की ओर से आवश्यक कार्रवाई शुरू की जाएगी
- हर महीने की 25 तारीख को मंडल स्तर पर अपर निदेशक लंबित मामलों की समीक्षा करेंगे
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