वजन घट जाएगा, सुंदर बन जाओगी; महिला से ठग लिए 15 लाख रुपए
- वजन कम होने पर त्वचा ढीली पड़ जाएगी, जिसके लिए अलग थैरेपी होगी। कई तरह की त्वचा और वजन घटाने की थैरेपी के बावजूद खास लाभ नहीं हुआ। महिला का दावा है कि ट्रीटमेंट के लिए 15 लाख का भुगतान किया।
महिला ने वजन घटाने के लिए करीब 15 लाख रुपये खर्च कर दिए। लेकिन, वादे के मुताबिक न वजन कम हुआ और न सुंदरता बढ़ी। महिला ने राज्य महिला आयोग में राजपुर रोड स्थित ब्यूटी कंपनी के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत की।
आयोग में काउंसलिंग के बाद कंपनी आठ लाख रुपये वापस करने को राजी हो गई है। महिला ने बताया कि वह 2021 में कंपनी में वजन कम कराने गई थीं। उनका वजन 85 किलो था। कंपनी ने दावा किया कि एक साल में वजन 25 किलो तक घट जाएगा।
बताया गया कि वजन कम होने पर त्वचा ढीली पड़ जाएगी, जिसके लिए अलग थैरेपी होगी। कई तरह की त्वचा और वजन घटाने की थैरेपी के बावजूद खास लाभ नहीं हुआ। महिला का दावा है कि ट्रीटमेंट के लिए 15 लाख का भुगतान किया।
हालांकि, कंपनी के अनुसार महिला ने कुल 12.91 लाख दिए थे। काउंसलिंग के दौरान कंपनी के सेक्टर हेड ने बताया कि थैरेपी से महिला के चेहरे पर जलन-खुजली की समस्या हो गई। महिला का पांच किलो तक वजन भी कम हुआ।
इस बीच महिला को कोविड हो गया। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के अनुसार कंपनी ने बताया कि महिला 25 लाख रुपये मांग रही है। समझौते के बाद कंपनी आठ लाख रुपये लौटाने को राजी हुई है।
डॉक्टर की राय: सही डाइट से वजन घटाना मुमकिन, लेकिन साइड इफेक्ट का खतरा
1 दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर फिजिशियन डॉ. कुमारजी कौल के अनुसार, एक साल में 25 किलो वजन कम किया जा सकता है। इसके लिए खुद को शांत रखना जरूरी है। अशांत रहने से कॉर्टिसोल हार्मोन निकलता है, जिससे इंसुलिन बढ़ने से वजन बढ़ता है। साथ ही सही डाइट भी बेहद जरूरी है।
2 एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एचओडी वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नारायण जीत सिंह ने बताया वजन घटाने के दौरान कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। पोषक तत्वों की कमी और एनीमिया के साथ पित्ताशय में पथरी बन सकती है। त्वचा पर पिंपल और बाल झड़ सकते हैं। स्लीपिंग पैटर्न बिगड़ता है, अवसाद भी हो सकता है।
3 कॉस्मेटिक सर्जन पद्मश्री डॉ. योगी एरन के अनुसार, जब त्वचा ढीली या झुर्रीदार हो जाती है तो उसे ऑपरेशन से कसा जा सकता है। लेजर-इंजेक्शन से भी झुर्रियों को कम किया जाता है। इस प्रक्रिया में संक्रमण का खतरा रहता है। इंजेक्शन का प्रभाव लगभग छह माह तक रहता है। उसके बाद यह 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
कंपनी ने दस्तावेजों में ऐसा दावा किया है तो कंज्यूमर फोरम में शिकायत दायर की जा सकती है। सेक्शन टू-डी के तहत सेवा में कमी साबित होने पर जुर्माने का प्रावधान है।
मुजम्मिल, उपभोक्ता आयोग मामलों के अधिवक्ता
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