उत्तराखंड में यूसीसी से महिलाओं को होगा फायदा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया सुरक्षा कवच
- उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी-समान नागरिक संहिता महिलाओं के अधिकारों का सुरक्षा कवच है। रविवार को यूपी के गजरौला में वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित अभिनदंन समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी लागू होना भारत के संविधान की आत्मा को साकार करने का उत्सव है। इस समारोह का आयोजन धामी सरकार के यूसीसी लागू करने के फैसले के सम्मान के लिए किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। जब भारत विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा। उस समय देश के सभी नागरिकों के अधिकारों में भी समानता होगी और इसकी शुरुआत उत्तराखंड से हो गई है।
यूसीसी जाति, धर्म, लिंग के आधार पर होने वाले कानूनी भेदभाव को खत्म करने का संवैधानिक उपाय है। सीएम ने यूसीसी के लिए मिल रहे सम्मान का श्रेय का प्रदेश की जनता को दिया। मौके पर यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अशोक कटारिया, डॉ. सुधीर गिरी, प्रदीप जोशी, डॉ. राजीव त्यागी मौजूद रहे।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है।
इस कानून के माध्यम से किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। विश्व के प्रमुख मुस्लिम देशों सहित दुनिया के सभी सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है।
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