Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Women breaking down after being cheated in love affairs committing suicide as come to know about illegal relationship

लव अफेयर में धोखे के बाद टूट रहीं महिलाएं, अवैध संबंधों का पता चलते ही कर रहीं सुसाइड

  • एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाले देते हुए महिला नीत के ड्राफ्ट में बताया गया है कि राज्य में महिला के प्रति अपराध से संबंधित करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज हुए हैं। इनमें बलात्कार के 905 एवं घरेलू हिंसा के 519 मामले दर्ज हैं।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तानThu, 7 Nov 2024 06:17 AM
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उत्तराखंड में प्रेम प्रसंग और अवैध संबंध महिलाओं के आत्महत्या का कारण बन रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में महिलाओं के आत्महत्या के 44 प्रतिशत मामलों में यही दो वजह प्रमुख रूप से सामने आई हैं।

महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की ओर से तैयार की जा रही उत्तराखंड राज्य महिला नीति में ऐसे मामलों से पार पाने के लिए विभिन्न स्तरों एवं संस्थानों में महिलाओं के लिए मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा सुनिश्चित किए जाने की सिफारिश की गई है।

एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाले देते हुए महिला नीत के ड्राफ्ट में बताया गया है कि राज्य में महिला के प्रति अपराध से संबंधित करीब साढ़े चार हजार मामले दर्ज हुए हैं। इनमें बलात्कार के 905 एवं घरेलू हिंसा के 519 मामले दर्ज हैं।

जबकि वर्ष 2021 में यह संख्या साढ़े तीन हजार, वर्ष 2020 में 2846 थी। इससे स्पष्ट है कि राज्य में महिला अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट कहती है कि उत्तराखंड में 18 से 49 वर्ष आयु की महिलाएं कई मामलों में अपने पति की हिंसा का शिकार हुईं हैं। शहरों में यह आंकड़ा 12.5 और ग्रामीण इलाकों में 16.2 प्रतिशत है।

महिला अपराधों की रोकथाम के लिए ड्राफ्ट में दिए गए सुझाव

- महिला अपराधों के मामलों में निगरानी एवं निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सरकारी एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन करना

- गृह विभाग की ओर से महिला अपराधों के जिला एवं राज्य स्तर के आंकड़ों का वार्षिक प्रकाशन, जिसकी समीक्षा हिंसा के मामलों की निगरानी एवं निस्तारण संबंधी समिति और राज्य महिला आयोग की ओर से की जाए

- बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना

- सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से एक सहयोगी एवं निगरानी तंत्र की स्थापना करना

- प्रत्येक जिले में ऐसे संवेदनशील स्थानों को चिह्नित करना, जहां महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाएं अधिक होती हैं। ऐसे स्थानों पर स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी एवं पुलिस व्यवस्था को पुख्ता करना

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