उत्तराखंड के लिए सख्त भू-काननू क्यों जरूरी? वजह बताकर CM धामी बोले- कब करेंगे लागू
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में एक सख्त भूकानून भी लाया जाएगा। इसकी काफी लंबे समय से प्रतीक्षा है। जब तक नया भू-कानून आता है, तब तक मौजूदा भू कानून का ही सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बचाए रखने के लिए सख्त भू-कानून जरूरी है। बजट सत्र में हर हाल में सख्त भू-कानून आएगा। सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने के साथ ही लैंड माफिया पर एक्शन जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार ने राज्यहित में अनेक निर्णय लिए हैं। राज्य में धर्मान्तरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू किया गया है। जो देवभूमि की पवित्रता और संस्कृति की रक्षा करेगा।
पांच हजार से भी अधिक सरकारी जमीन जो गैरकानूनी रूप से कब्जे में थी, उसको अतिक्रमण से मुक्त कराया है। प्रदेश में लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घटिया मानसिकता के खिलाफ भी कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले बजट सत्र में एक सख्त भूकानून भी लाया जाएगा। इसकी काफी लंबे समय से प्रतीक्षा है। जब तक नया भू-कानून आता है, तब तक मौजूदा भू कानून का ही सख्ती से पालन कराया जा रहा है।
जल्द ही यूसीसी राज्य में लागू करने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद त्रिवेंद्र रावत, अजय भट्ट, माला राज्यलक्ष्मी शाह, महेन्द्र भट्ट, डॉ. कल्पना सैनी मौजूद रहे।
डीएम को कार्रवाई का मिला अधिकार
सरकार ने राज्य गठन के बाद से अभी तक अनुमति लेकर भूमि खरीद कर उसका सही इस्तेमाल न करने वालों के खिलाफ जिलाधिकारियों को कार्रवाई की छूट दे दी है। सभी जिलों से शासन को रिपोर्ट भी मिल गई है।
कुछ जिलाधिकारियों ने कार्रवाई को लेकर स्पष्ट निर्देश भी चाहे थे। इस पर शासन की ओर से साफ किया गया कि जहां भी मौजूदा भू-कानून का उल्लंघन हुआ है, वहां जेडएएलआर ऐक्ट के सेक्शन 166/167 के तहत कार्रवाई की जाए।मेरिट पर केस डिसाइड करते हुए जमीनों को सरकार में निहित किए जाने की भी कार्रवाई की जाए।
शासन की सख्ती के बाद मंगलवार को सभी जिलों की रिपोर्ट शासन को मिल गई है। रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, चंपावत जिले में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। शेष 10 जिलों में भूमि खरीद के कई मामलों में गड़बड़ी मिलने पर नोटिस और जमीनें सरकार में निहित किए जाने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कहीं भी यदि भू कानून का उल्लंघन हुआ है, तो वहां जिलाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देशित कर दिया गया है। हरिद्वार में 340 बीघा जमीन की हुई खरीद हरिद्वार जिले में एक व्यक्ति ने कई बार जमीन खरीद की अलग अलग समय में कई बार मंजूरी ली गई। बार-बार मंजूरी लेकर करीब 350 बीघा से अधिक जमीन खरीदी गई। जिस प्रयोजन के लिए जमीन खरीदी, उसका कोई उपयोग नहीं किया।
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