टेंडर किसी का, सप्लाई किसी और ने की; तिरुमाला मंदिर के घी में उत्तराखंड की कंपनी ने ऐसे किया ‘खेल’
पिछले साल आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर में पवित्र 'लड्डू प्रसादम' बनाने के लिए जिस घी की आपूर्ति की गई थी, उसमें पशु वसा (एनिमल फैट) की मिलावट मिली थी, सीबीआई के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम को पता चल गया है कि इसे किसने भेजा।
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पिछले साल आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर में पवित्र 'लड्डू प्रसादम' बनाने के लिए जिस घी की आपूर्ति की गई थी, उसमें पशु वसा (एनिमल फैट) की मिलावट मिली थी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) की जांच में पता चला है कि इसे किसने भेजा। एसआईटी जांच के अनुसार, घी की आपूर्ति उत्तराखंड स्थित एक कंपनी द्वारा की गई थी। इसे 2022 में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
चार लोग गिरफ्तार
तीन अलग-अलग डेयरी फर्मों से जुड़े चार व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद रविवार रात तिरुपति की स्थानीय अदालत में पेश की गई रिमांड रिपोर्ट में एसआईटी अधिकारियों ने खुलासा किया कि उत्तराखंड के रुड़की स्थित भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी प्राइवेट लिमिटेड ने जून 2014 में टीटीडी को घी की आपूर्ति की थी। इसे तिरुपति जिले के पुनाबाका स्थित श्री वैष्णवी डेयरी स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड और चेन्नई के डुंडीगल स्थित एआर डेयरी के जरिए भेजा गया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में भोले बाबा डेयरी के डायरेक्टर पोमिल जैन और बिपिन जैन, श्री वैष्णवी डेयरी के सीईओ अपूर्व विनय कांत चावड़ा और एआर डेयरी के एमडी राजू राजशेखरन शामिल हैं।
टेंडर किसी और का, घी किसी और ने किया सप्लाई
तिरुपति के अतिरिक्त पुलिस सुपरिटेंडेंट जे वेंकट राव, जो एसआईटी के जांच अधिकारी भी हैं, ने रिपोर्ट में कहा कि भोले बाबा डेयरी ने 2019 में श्री वैष्णवी डेयरी के नाम पर टीटीडी को 291 रुपए के रेट से घी की आपूर्ति की थी। वैष्णवी डेयरी के पास टीटीडी को घी आपूर्ति करने का टेंडर था, लेकिन पूरे घी की आपूर्ति भोले बाबा डेयरी ने की थी, जिसने न केवल ट्रांसपोर्ट का सारा खर्च वहन किया, बल्कि वैष्णवी डेयरी को 2-3 फीसदा कमीशन भी दिया। इस तरह, वैष्णवी डेयरी ने 2020 में टीटीडी को टैंकरों के साथ-साथ टिन में भी घी की आपूर्ति की।
2022 में कंपनी घोषित हुई थी अयोग्य
2022 में भोले बाबा डेयरी ने नेशनल सप्लायर कैटेगरी के अंतर्गत टीटीडी को टैंकरों में घी की आपूर्ति का कॉन्ट्रैक्ट (ठेका) लिया था। उस दौरान भोले बाबा डेयरी के कुछ घी टैंकरों को इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि घी टीटीडी की इन-हाउस लैब द्वारा किए गए टेस्ट में पास नहीं हुई थी। जून 2022 में टीटीडी प्लांट निरीक्षण समिति ने पाया कि भोले बाबा डेयरी में घी बनाने की प्रैक्टिस संतोषजनक नहीं हैं और इसलिए, इसे टीटीडी को घी के टैंकर और टिन की आपूर्ति करने के लिए तकनीकी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
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