अल्मोड़ा-हल्द्वानी नेशनल हाईवे पर कम नहीं हुई टेंशन, 43 किमी और बढ़ गई दूरी; क्या वजह?
- लोगों को 43 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाते हुए अल्मोड़ा-रानीखेत-खैरना होते हुए तराई की जाना पड़ा। इसमें यात्रियों को डेढ़ से दो घंटे का अतिरिक्त समय खर्च करना पड़ा।
अल्मोड़ा-हल्द्वानी नेशनल हाईवे पर क्वारब की पहाड़ी से पैदा हुई समस्या का ठोस समाधान अब तक नहीं निकल सका है। हाईवे पर बसों का संचालन नहीं होने से लोगों को 43 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है।
इससे यात्रियों को परेशानी के साथ परिवहन निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।अल्मोड़ा-क्वारब-हल्द्वानी एनएच पर शनिवार को भी बसों का संचालन नहीं हो पाया। इससे कम किराए में बसों से सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
लोगों को 43 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाते हुए अल्मोड़ा-रानीखेत-खैरना होते हुए तराई की जाना पड़ा। इसमें यात्रियों को डेढ़ से दो घंटे का अतिरिक्त समय खर्च करना पड़ा। अतिरिक्त फेरा लगाने से परिवहन निगम को भी रोजाना लाखों रुपयों का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वहीं, समय की कमी के कारण कई यात्री करीब दोगुना किराया देकर टैक्सियों से सफर करने को मजबूर होना पड़ा। यहां से खतरे को देखते हुए बसों का संचालन शुरू नहीं हुआ है।
बजट मंजूर हुआ पर नहीं सुधरी सड़क
धनराशि स्वीकृत होने के बावजूद रानीखेत-पंतकोटली मोटर मार्ग में डामरीकरण और सुधारीकरण का कार्य शुरू नहीं हो सका है। 12 किमी लंबी इस सड़क के लिए शासन से पांच माह पूर्व नौ करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। चार माह पूर्व निविदाएं भी लग चुकी हैं।
रानीखेत-पंतकोटली सड़क बेहद संकरी बनाई गई है। रोड पर वाहन एक दूसरे को पास नहीं दे सकते हैं। वहीं मोड़ भी खतरनाक हैं। ग्रामीणों का मुख्य बाजार रानीखेत होने के कारण लोग जान हथेली पर रखकर इसी मार्ग से चौपहिया से रानीखेत पहुंचते हैं।
मार्ग सुधारीकरण के लिए धन स्वीकृत है। निविदाएं भी लग चुकी हैं, लेकिन अनुबंध पत्र नहीं बन सका है। अनुबंध देहरादून से बनना है। पत्र बनते ही सुधारीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
दीप चंद्र पांडे, सहायक अभियंता पीएमजीएसवाई अल्मोड़ा।
मशीन से खोलेंगे हिमपात से बंद सड़कें
बागेश्वर में शीतकाल की तैयारियों को लेकर शनिवार को डीएम ने बैठक आयोजित हुई। डीएम ने शीत लहर को देखते सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित करने तथा आवश्यक प्रबंधन को समय रहते पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम आशीष भटगांई ने कहा कि हिमपात से सड़कें बाधित होंगी। उन्हे खोलने को लोडर मशीन लगाई जाएंगी। सड़क महकमे ऐसे मार्ग चिह्नित करेंगे। पाला संभावित क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाएं। एसडीएम क्षेत्र में रैन बसेरे चयन करें। ऊर्जा निगम झूलते जार दुरुस्त कर ले।
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