Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Uttarakhand: nurses 480 posts approved for Haridwar and Pithoragarh change in bond conditions for doctors

Uttarakhand: हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नर्सों के 480 पद मंजूर, डॉक्टरों के लिए बॉन्ड की शर्तों में बदलाव

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि हरिद्वार और पिथौरागढ़ के लिए अभी तक आउटसोर्स से नियुक्ति की व्यवस्था बनाई जा रही थी, लेकिन इससे चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सिंग संवर्ग में दो व्यवस्थाएं पैदा हो रही थीं।

Praveen Sharma देहरादून। हिन्दुस्तान, Fri, 19 July 2024 11:10 AM
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उत्तराखंड कैबिनेट ने हरिद्वार और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग अधिकारियों के 480 पद मंजूर कर दिए हैं। इससे मरीजों के साथ ही युवाओं को भी बड़ी राहत मिलेगी। राज्य में अभी मेडिकल कॉलेजों के लिए 1455 पदों पर भर्ती चल रही है, लेकिन यह पद देहरादून, श्रीनगर, हल्द्वानी और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूर किए गए थे।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि हरिद्वार और पिथौरागढ़ के लिए अभी तक आउटसोर्स से नियुक्ति की व्यवस्था बनाई जा रही थी, लेकिन इससे चिकित्सा शिक्षा विभाग में नर्सिंग संवर्ग में दो व्यवस्थाएं पैदा हो रही थीं। इस परेशानी को खत्म करने के लिए अब हरिद्वार और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेजों के लिए भी स्थायी पद मंजूर करने का निर्णय लिया गया है।

लावारिस शव मेडिकल कॉलेजों को दिए जाएंगे

राज्य में लावारिस रूप से मिलने वाले शवों के निस्तारण के लिए यूपी के समान एनाटोमी ऐक्ट लागू करने का निर्णय लिया गया है। सचिव-मुख्यमंत्री शैलेश बगोली के अनुसार अब लावारिस शवों को मेडिकल कॉलेजों को अध्ययन के लिए दिया जा सकेगा। एक जिले के भीतर शव देने के लिए एसएसपी की अनुमति जरूरी होगी। दूसरे जिले के लिए पीएचक्यू की अनुमति लेनी होगी।

बॉन्ड की शर्तों में बदलाव, अब राज्य में सेवा अनिवार्य

कैबिनेट ने उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पीजी करने के लिए बॉन्ड के नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसके बाद राज्य से पीजी करने वाले डॉक्टरों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में या पहाड़ पर नौकरी अनिवार्य कर दी गई है। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि अभी तक राज्य में पीजी करने पर बॉन्ड लेना वैकल्पिक था। यानी पूरी फीस देकर भी डॉक्टर पीजी कर सकते थे, लेकिन अभ इस विकल्प को बंद कर दिया गया है। अब राज्य से पीजी करने पर बॉन्ड अनिवार्य रूप से लेना होगा। मेरिट में आने पर मेडिकल कॉलेजों में दो साल की इंटर्नशिप करनी होगी और मेरिट में न होने पर पहाड़ के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर के रूप में सेवा देनी होगी। राज्य में मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 170 सीटें हैं। इस फैसले के बाद राज्य को ज्यादा मात्रा में विशेषज्ञ डॉक्टर मिलने की उम्मीद है।  

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