सावधान! उत्तराखंड के चार धामों और मंदिरों के नाम का दुरुपयोग करने पर होगा ऐक्शन, धामी सरकार लाएगी कानून
उत्तराखंड सरकार राज्य के प्रमुख धामों व मंदिरों के नामों का उपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करेगी। सीएम पुष्कर धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया।
उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड के प्रमुख धामों, मंदिरों के नामों का उपयोग करने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। धर्मस्व विभाग धाम, मंदिर और ट्रस्टों के नाम का उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़े प्रावधान करेगा।
सचिवालय मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग में सचिव शैलेश बगौली ने यह जानकारी दी। कैबिनेट में 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के प्रमुख धामों, मंदिरों और धामों से जुड़े ट्रस्टों से मिलते जुलते नामों के बढ़ते इस्तेमाल और दुरुपयोग को रोकने को कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाया गया है। इसमें तय किया गया है कि यदि कहीं भी उत्तराखंड के प्रमुख धामों और मंदिरों से मिलते जुलते नाम से कहीं और धाम, मंदिर का निर्माण किया जाएगा तो कार्रवाई होगी। न सिर्फ निर्माण, बल्कि धाम, मंदिर से मिलते जुलते नाम का भी उल्लेख किया गया तो संबंधित संस्थाएं कार्रवाई की जद में आएंगी।
उन्होंने बताया कि किसी को भी उत्तराखंड के धामों से जुड़े ट्रस्टों, संचालन समिति के मिलते-जुलते नामों का भी इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होगी। धर्मस्व विभाग को कड़े प्रावधान करने का जिम्मा सौंपा गया है। नए कड़े प्रावधानों को आगामी कैबिनेट में लाकर मंजूर कराया जाएगा।
दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम पर मंदिर निर्माण पर उठा था विवाद : पिछले दिनों केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में मंदिर निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। जो ट्रस्ट इस मंदिर निर्माण से जुड़ा है, उसका नाम भी श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट है। इसके साथ ही चार धामों की ऑनलाइन पूजा कराने को लेकर ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर भी ठगी के मामले बढ़ रहे थे। इन विवादों और नामों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े नियम बनाने को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
हिन्दू स्टडीज सेंटर की होगी स्थापना
भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन, संरक्षण और प्रसार के लिए राज्य में सरकारी विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज की स्थापना की जाएगी। इस सेंटर में भारतीय ज्ञान योग परंपरा के बारे में पढ़ाया जाएगा। हिन्दू स्टडी सेंटर न केवल भारतीय परंपराओं और दर्शन का अध्ययन करेगा, बल्कि योग, आयुर्वेद, भारतीय पौराणिक साहित्य और उसके मूल्यों का भी अध्ययन करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सेंटर का प्रारूप तय करने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी है। दूसरे राज्यों में स्थापित इस प्रकार के सेंटरों का अध्ययन करते हुए राज्य के परिप्रेक्ष्य में इसे अधिक व्यापक रूप दिया जाएगा।
उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने बताया हिन्दू एक धार्मिक नाम भर नहीं है। यह एक विराट विचाराधारा, सांस्कृतिक आंदोलन और ज्ञान-विज्ञान-दर्शन का केंद्र है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी भारतीय ज्ञान पंरपरा पर विशेष फोकस किया गया है। कैबिनेट निर्णय के अनुसार जल्द ही इस सेंटर का खाका तैयार कर पाठ्यक्रम तय किया जाएगा।
ऑक्सफोर्ड में भी हैं सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज : हिंदू ज्ञान विज्ञान की विराट परंपरा के अध्ययन के लिए देश और विदेश में कई विश्वविद्यालयों और स्थानों पर हिन्दू अध्ययन केंद्र स्थापित हैं। ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में भी केंद्र स्थापित हैं। उच्च शिक्षा सचिव के अनुसार दिल्ली विवि, जेएनयू में भी यह प्रयोग शुरू हो चुका है। मुंबई विवि में भी सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज स्थापित है। सूत्रों के अनुसार सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज का प्रस्ताव कैबिनेट के सामान्य एजेंडे में नहीं था। कैबिनेट में चर्चा के दौरान यह विषय आया।
सचिव गोपन शैलेश बगौली ने कहा, ''उत्तराखंड के प्रमुख धामों, मंदिरों और इनसे जुड़े ट्रस्टों से मिलते जुलते नामों का इस्तेमाल किए जाने से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। इससे परम्पराओं और धार्मिक मान्यताओं को भी ठेस पहुंचती है। स्थानीय स्तर पर आक्रोश की भी संभावना रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार कड़े विधिक प्रावधान लागू करेगी।''
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