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तबादलों का ‘टाइम टेबल’ बदल सकती है सरकार

उत्तराखंड में तबादला प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने तबादला टाइम टेबल में बदलाव करने के संकेत दिए हैं।  जिन विभागों को समय बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है, वो इस बाबत मुख्य...

लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून Tue, 7 May 2019 07:49 PM
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उत्तराखंड में तबादला प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने तबादला टाइम टेबल में बदलाव करने के संकेत दिए हैं।  जिन विभागों को समय बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है, वो इस बाबत मुख्य सचिव समिति को प्रस्ताव दे सकते हैं। चुनाव आयोग  से अनुमति लेकर तबादला टाइम टेबल संशोधित करने का प्रयास किया जाएगा। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इसकी पुष्टि की। दरअसल, इस साल तबादला प्रक्रिया को लेकर सभी विभाग में उलझन में फंस गए हैं। तबादला एक्ट के तहत 31 मार्च से प्रक्रिया शुरू हो जानी थी। 20 अप्रैल तक अनिवार्य व 30 अप्रैल तक अनुरोध कैटेगरी के तबादलों के लिए आवेदन लिए जाने थे। पर, कार्मिक विभाग ने तबादला प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति ही 23 अप्रैल को दी। इससे पूरा टाइम टेबल पटरी से उतर गया है। सोमवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समस्या कई विभागों के स्तर से आ चुकी है। इसका समाधान निकाला जा रहा है। चूंकि वर्तमान में उत्तराखंड में आचार संहिता लागू है, इसलिए इस प्रक्रिया चुनाव आयोग के समक्ष भी रखा जाएगा।

 

उच्च शिक्षा में प्रक्रिया शुरू
देहरादून। उच्च शिक्षा विभाग ने अनिवार्य और अनुरोध कैटेगरी में आ रही कार्मिकों से आवेदन मांग लिए। 15 मई तक हर कालेज के प्राचार्य को आवेदन निदेशालय को मुहैया कराना होगा। प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक डा. एससी पंत ने सेामवार को सभी प्राचार्यों को इस बाबत आदेश जारी किए। चार साल अथवा पूरी सेवा अवधि में 10 साल तक सुगम अथवा दुर्गम क्षेत्र में रह चुके कार्मिक तबादले के पात्र होंगे। इन कार्मिकों को अपने गृह जनपद से इतर स्थित कालेज-दफ्तरों के 10-10 विकल्प देने होंगे। कार्मिक के पति अथवा पत्नी के सेना, अर्द्धसैनिक बलों में होने पर सुगम से दुर्गम तबादले में रियायत दी जाएगी।

 

स्कूलों का कोटिकरण अंतिम चरण में
देहरादून। शिक्षा विभाग में कोटिकरण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शासन के नए फार्मूले के अनुसार अब तक 2800 से ज्यादा स्कूलों का कोटिकरण बदलने जा रहा है। इस कोटिकरण के आधार पर हजारों शिक्षकों की सुगम और दुर्गम की सेवाएं भी बदलने जा रही हैं। प्रभारी निदेशक रामकृष्ण उनियाल ने बताया कि कोटिकरण की प्रक्रिया जारी है। इसे जल्द से जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
 

 

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