Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़UCC When implement Uttarakhand government preparations Chief Minister Pushkar Singh Dhami told final date

UCC को उत्तराखंड में कब करें लागू और सरकार की क्या हैं तैयारियां, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताई फाइनल डेट 

यूसीसी रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून भी राज्य ने बनाया है। कहा कि सरकार की ओर से तैयारी की जा रही है।

देहरादून, हिन्दुस्तान Tue, 16 July 2024 09:38 AM
share Share

मुख्यमंत्री सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड ने विधानसभा में समान नागिरक संहिता-यूसीसी (UCC) विधेयक प्रस्तुत कर देश के सामने आदर्श प्रस्तुत किया है। राज्य स्थापना दिवस नौ नवंबर से पहले इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।

बताया कि ड्राफ्टिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। यूसीसी रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून भी राज्य ने बनाया है। लैंड जेहाद और लव जेहाद के खिलाफ पहली बार उत्तराखंड में कार्रवाई की गई।

यूसीसी की रिपोर्ट सार्वजनिक 
यूसीसी कमेटी के सदस्य व पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि कमेटी फरवरी में ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। प्रदेश सरकार इसी आधार पर समान नागरिक संहिता कानून भी बना चुकी है। लेकिन तब लोकसभा चुनावों की जल्दबाजी में कमेटी की मूल रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में नहीं आ पाई थी। उन्होंने कहा कि अब कमेटी ने चार खंडों वाली रिपोर्ट और इसी आधार पर तैयार कानून को www.ucc.uk.gov.in पर उपलब्ध करा दिया है, जिसे कोई भी देख सकता है।

समान नागरिक संहिता के खास बिंदु
--शादी की उम्र - सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 18 और लड़कों के लिए 21 निर्धारित की गई है। अभी कुछ धर्मों में इससे कम उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती है।
--विवाह पंजीकरण - शादी के छह माह के भीतर अनिवार्य तौर पर सब रजिस्ट्रार के पास विवाह पंजीकरण कराना होगा, पंजीकरण नहीं कराने पर 25 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
--तलाक - समान नागरिक संहिता में पति - पत्नी के लिए तलाक के कारण और आधार एक समान कर दिए गए हैं। अभी पति जिस आधार पर तलाक ले सकता है, उसी आधार पर अब पत्नी भी तलाक की मांग कर सकेगी।
--बहु विवाह - पति या पत्नी के रहते दूसरी शादी यानि बहु विवाह पर सख्ती से रोक रहेगी। विशेषज्ञों के मुताबिक अभी मुस्लिम पर्सनल लॉ में बहुविवाह करने की छूट है लेकिन अन्य धर्मो में 'एक पति-एक पत्नी' का नियम बहुत कड़ाई से लागू है।
--उत्तराधिकार - उत्तराधिकार में लड़के और लड़कों को बराबर अधिकार प्रदान किया गया है। संहिता में सम्पत्ति को सम्पदा के रूप में परिभाषित करते हुए इसमें सभी तरह की चल- अचल, पैतृक सम्पत्ति को शामिल किया गया है।
--लिव इन रिलेशनशिप
लिव इन में रहने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, विवाहित पुरुष या महिला लिव इन में नहीं रह पाएंगे। इसके लिए जोड़ों को लिव इन में रहने की स्वघोषणा करनी पड़ेगी। लिव इन से पैदा होने वाले बच्चे को सम्पूर्ण अधिकार दिए गए हैं।
--अधिकार क्षेत्र - राज्य का स्थायी निवासी, राज्य या केंद्र सरकार के स्थायी कर्मचारी, राज्य में लागू सरकारी योजना के लाभार्थी पर लागू होगा। राज्य में न्यूनतम एक साल तक रहने वाले लोगों पर भी यह कानून लागू होगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें