Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़seven pay scale benefits are yet to be implemented in education department in uttarakhand

कहां गुम हो गया उच्च शिक्षा में सातवें वेतनमान का आदेश ?

उच्च शिक्षा विभाग में सातवां वेतनमान लागू करने का सरकारी आदेश मजाक बन गया है। आदेश था कि विश्वविद्यालयों और सरकारी डिग्री कालेजों के शिक्षकों को जनवरी से सातवां वेतनमान मिलेगा। हकीकत यह है चार महीने...

लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादून Tue, 23 April 2019 03:13 PM
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उच्च शिक्षा विभाग में सातवां वेतनमान लागू करने का सरकारी आदेश मजाक बन गया है। आदेश था कि विश्वविद्यालयों और सरकारी डिग्री कालेजों के शिक्षकों को जनवरी से सातवां वेतनमान मिलेगा। हकीकत यह है चार महीने होने को हैं और शिक्षकों को छठे वेतनमान के अनुसार ही तनख्वाह मिल रही है। सरकारी और अशासकीय डिग्री कालेजों के 1500 से ज्यादा शिक्षक सरकारी मशीनरी की सुस्त चाल की वजह से खासे परेशान हैं। मालूम हो कि इस साल पांच जनवरी को सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग में सातवां वेतनमान लागू किया। तत्कालीन एसीएस-उच्च शिक्षा डॉ. रणवीर सिंह की ओर से जारी इस जीओ में साफ लिखा गया था कि शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी से ही मिलने लगेगा। सरकार के फैसले से खुश शिक्षकों ने जीओ जारी होने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री का भव्य सम्मान भी किया। तब से तीन महीने से ज्यादा वक्त बीच चुका है, लेकिन सरकार अपने ही आदेश पर अमल नहीं करवा पाई।


शिक्षक सरकार से नाराज : सातवां वेतनमान लागू होने हो रही देरी से शिक्षक काफी नाराज हैं। राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. आरएस भाकुनी का कहना है कि सरकार के आदेश के बाद शिक्षकों को उम्मीद जगी थी कि उन्हें भी अन्य विभागों के समान बढ़ा वेतन मिलेगा। पर, अब चार माह होने को है, सातवें वेतनमान का इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। यह गलत है। गढ़वाल विवि महाविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. डीके त्यागी का कहना है कि एक ओर सरकार शिक्षकों से अपेक्षा करती है कि वो अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहें। जो कहा जाए उसका अक्षरश पालन हो। पर, जब शिक्षकों के बुनियादी हक और सुविधाओं की बात आती है तो सरकार मुंह फेर लेती है। सातवां वेतनमान पर सरकारी रुख इसे साबित भी कर रहा है।


साफ्टवेयर में फंसा सातवां वेतनमान!
सातवें वेतनमान के लागू होने में हो रही देरी के लिए उच्च शिक्षा विभाग साफ्टवेयर की कमी को वजह बता रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिक्षा निदेशालय ने काफी समय पहले ही सारा ब्योरा तैयार कर विभाग को सौंप दिया था। संयुक्त निदेशक जेसी घिल्डियाल खुद इसे देकर आए थे। उम्मीद की जा रही है इस महीने के अंत तक साफ्टवेयर अपडेट हो जाएगा। इसके बाद नया वेतनमान लागू होने का रास्ता खुल जाएगा।

 

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