क्लासों में 1 अप्रैल से सत्र शुरू होने की तैयारी, प्राइमरी कक्षाओं में एनसीईआरटी किताबों का टोटा
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस साल प्राथमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में अहम बदलाव किए हैं। उसी के अनुसार कक्षा एक से पांच तक नई किताबों से पढ़ाई होनी है।
प्राइमरी कक्षाओं की किताबों का जबदरस्त टोटा पड़ गया है। कक्षा तीन से पांचवीं तक की एनसीईआरटी के नए पाठ्यक्रम की किताबें ढूंढने से नहीं मिल रही हैं। ऐसे में बहुत संभव है कि पहली अप्रैल से बिना किताबों के ही कक्षाएं लगानी पड़ सकती हैं।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस साल प्राथमिक कक्षाओं के पाठ्यक्रम में अहम बदलाव किए हैं। उसी के अनुसार कक्षा एक से पांच तक नई किताबों से पढ़ाई होनी है, लेकिन सत्र शुरू होने में अब एक हफ्ते का ही समय है और नई किताबें छपी तक नहीं हैं। कक्षा तीन से पांचवीं तक की कक्षाओं की किताबों की सबसे अधिक कमी है।
अभिभावकों और स्कूलों का कहना है कि बुक सेलर्स किताबें न होने की बात कह रहे हैं। जिस प्रकाशक को नई किताबें छापने का जिम्मा दिया गया है उसने किताबों की सप्लाई तक नहीं की है। वो बुक सेलर्स से पुरानी किताबों का स्टॉक ही उठाने को कह रहा है। अभिभावकों को दिक्कतें हैं।
रोजाना 50 से अधिक अभिभावक पहुंच रहे
शहर में करीब 15 से अधिक बुक सेलर्स हैं। जहां नई किताबें खरीदने के लिए सैकड़ों अभिभावक लाइन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। पीलीकोठी में कॅरियर जोन नाम से किताबों की दुकान संचालित करने वाले बसंत जोशी ने बताया कि नई किताबें न होने से रोजाना 50 से 60 अभिभावक वापस लौट रहे हैं।
दिल्ली से किताबें मंगाने को मजबूर निजी स्कूल
उत्तराखंड के कोटे की किताबें न छपी होने के कारण कई स्कूलों ने दिल्ली से किताबें मंगानी शुरू कर दीं हैं। जबकि, अन्य स्कूल पुराने पाठ्यक्रम के भरोसे ही चल रहे हैं। बुक सेलर्स की मानें तो प्रकाशक पुराने पाठ्यक्रम की किताबों का स्टॉक अधिक होने की बात कह रहे। जब तक पुराने स्टॉक खत्म नहीं हो जाता, नई नहीं छपेंगी।
कक्षा तीन से छह तक की नई किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। दुकानों में पुराने पाठ्यक्रम की ही किताबें मिल रहीं हैं। एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम बदला है।
कैलाश भगत, अध्यक्ष पब्लिक स्कूल एसोसिएशन हल्द्वानी
प्राइमरी कक्षाओं की नई किताबें अब तक बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। नई कक्षाएं चलाने के लिए दिल्ली से एनसीईआरटी की किताबें मंगानी पड़ रहीं हैं।
मंजू जोशी, हल्द्वानी सिटी को-ऑर्डिनेटर सीबीएसई
प्राइमरी कक्षाओं की नई किताबें अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। पब्लिशर्स का कहना है कि उनके यहां पुराना स्टॉक काफी है। नई किताबों अभी नहीं छापी गई हैं।
बसंत जोशी, संचालक, कॅरियर जोन बुक स्टोर
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