पूर्णागिरि धाम: UP, दिल्ली-NCR तीर्थ यात्रियों की हो रहीं हैं मौतें, पांच साल में 179 लोगों की गई जान
पूर्णागिरि धाम में यूपी, दिल्ली-NCR सहित विभिन्न राज्यों से तीर्थ यात्री भार संख्या में दर्शन करने को उत्तराखंड के चंपावत जिले में आते हैं। पिछले पा पांच साल में 179 लोगों ने जान गवाई है।
पूर्णागिरि धाम में यूपी, दिल्ली-NCR सहित विभिन्न राज्यों से तीर्थ यात्री भार संख्या में दर्शन करने को उत्तराखंड के चंपावत जिले में आते हैं। धाम में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ भी रहती है। लेकिन, चिंता की बात है प्रशासन की लापरवाही से श्रद्धालुाओं की मौत हो रही है। पांच साल में 17 तीर्थ यात्री विभिन्न हादसों का शिकार होकर अपनी जान गवां चुके हैं।
पूर्णागिरि आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमेशा से ही सवालों की घेरे में रही है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण साल दर साल श्रद्धालु जान गंवा रहे हैं। बीते पांच सालों में पूर्णागिरि दर्शन को आए 179 श्रद्धालुओं ने सड़क हादसों पर स्नान के दौरान डूबने से अपनी जान गंवाई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बीते पांच सालों में पूर्णागिरि दर्शन को आए 179 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है। जिसमें सड़क दुर्घटना में 96 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जबकि 150 लोग बुरी तरह से इन दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं। वहीं मेले के दौरान 83 लोगों की शारदा नदी में डूबने से मौत हुई है। जिनमें अधिकांश बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालु शामिल हैं।
टनकपुर में 55 पुरुषों की शारदा नदी में डूबने से मौत हुई है। जबकि बनबसा में 28 लोगों की डूबने से मौत हुई है। नदी तटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण श्रद्धालु हर साल मौत के मुंह में समा रहे हैं। इधर मेला शुरू होने के 20 दिन बाद भी बाहरी जिलों का पुलिस फोर्स नहीं पहुंच पाया है।
हमारी ओर से पर्याप्त पुलिस फोर्स मेले में तैनात किया गया है। रामनगर में हो रहे जी-20 सम्मेलन के कारण नैनीताल जिले से फोर्स नहीं मिल पाया है। अन्य जिलों के फोर्स को मेले में तैनात किया गया है।
अविनाश वर्मा, सीओ, टनकपुर।
पिता के साथ पूर्णागिरि आए मासूम की मौत
यूपी के बरेली से पिता संग पूर्णागिरि धाम जा रहे मासूम की तबियत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। चिकित्सकों ने डिहाइड्रेशन की वजह से मासूम की मौत होने का अंदेशा जताया है। शुक्रवार को यूपी के बरेली जिले के मंसूरगंज निवासी गिरधारी लाल अपने छह माह के पुत्र लक्ष्य को लेकर मां पूर्णागिरि धाम की ओर जा रहा था। इस दौरान भैरव मंदिर से पहले मासूम बच्चे की तबियत बिगड़ गई।
जिसके बाद वह बेहोश हो गया। साथियों की मदद से गिरधारी अपने बेटे को लेकर उपजिला अस्पताल आए। यहां चिकित्सकों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया। डॉ. उमर ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्चा दम तोड़ चुका था। बताया कि मौत का कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। करीब 15 दिन पूर्व यूपी के एक दस साल के बच्चे की भी मेला क्षेत्र में मौत हो गई थी।
हादसों के बाद भी चेकिंग महज खानापूर्ति
पूर्णागिरि में लगातार हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन नहीं जागा है। वाहनों की चेकिंग को लेकर महज औपचारिकता निभाई जा रही है। 25 यात्रियों की क्षमता वाले ट्रैक्टर में 70 से 80 श्रद्धालुओं को ढोया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा पूर्णागिरि मेले में हमेशा से ही चुनौती बनी रही है। नवरात्रों में हुए हादसों ने प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी थी।
दो दिन में आठ श्रद्धालुओं की हादसों में जान गई थी। इसके बाद उच्चाधिकारियों ने पूर्णागिरि मेला क्षेत्र के अंतर्गत सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक वाहन की चेकिंग के निर्देश दिए थे। लेकिन चेकिंग की रस्म कुछ दिन ही अदा की गई। उत्तर प्रदेश के कई जिलों से 25 यात्रियों की क्षमता वाले ट्रैक्टर में दो छत्ते बनाकर इसमें 70 से 80 श्रद्धालुओं को पूर्णागिरी दर्शन कराने के बाद वापस ले जाया जा रहा है।
इसके अलावा 42 सीटर बस में 80 तीर्थयात्रियों को ठूंस ठूंस कर ढोया जा रहा है। लेकिन पुलिस का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा। चेकिंग में लापरवाही श्रद्धालुओं की जान खतरे में डाल सकती है। श्रद्धालु ट्रैक्टर में सिंगल लोहे के रॉड में बैठकर सफर कर रहे हैं।
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