उत्तराखंड में निकाय चुनाव समय पर होने के आसार नहीं, यह हो रही मुश्किल
उत्तराखंड में में नगर निकायों के चुनाव अब स्पष्ट तौर पर टलने के आसार नजर आ रहे हैं। निकायों का कार्यकाल पांच माह ही शेष है, लेकिन वार्ड परिसीमन और ओबीसी सर्वे अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
उत्तराखंड में में नगर निकायों के चुनाव अब स्पष्ट तौर पर टलने के आसार नजर आ रहे हैं। निकायों का कार्यकाल पांच माह ही शेष है, लेकिन वार्ड परिसीमन और ओबीसी सर्वे अब तक पूरा नहीं हो पाया है। वार्ड गठन न होने से वोटर लिस्ट बनाने का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। मौजूदा गति से तय डेडलाइन तक उक्त कार्य होने अब मुश्किल नजर आते हैं।
प्रदेश में नगर निकायों का कार्यकाल दो दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इस तरह निकायों के पास अब करीब पांच महीने का ही समय बचा है। यदि तय समय पर चुनाव कराएं जाएं तो नवंबर शुरुआत में ही निकाय चुनावों की आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस तरह प्रदेश सरकार के पास वार्ड गठन, ओबीसी सर्वे, वोटर लिस्ट तैयार करने और वार्डवार आरक्षण तय करने के लिए चार महीने का ही समय बचा है।
लेकिन अब भी कम से नौ निकायों में सीमा विस्तार और छह निकायों में वार्ड पुनर्गठन का प्रस्ताव विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। राज्य निर्वाचन आयोग सरकार फरवरी माह से ही वार्ड गठन की सूचना मांग रहा है, लेकिन अभी शहरी विकास विभाग आधी अधूरी सूचना ही आयोग को दे पाया है। दूसरी तरफ आयोग सभी निकायों में एक साथ परिसीमन पूरा किए बिना वोटर लिस्ट बनाने को तैयार नहीं है।
आयोग के मुताबिक वोटर लिस्ट तैयार करने में ही चार महीने का समय लग जाता है, इस तरह मौजूदा तैयारियों के लिहाज से तय डेडलाइन तक उक्त सभी कार्य पूरे होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। प्रमख सचिव आरके सुधांशु के मुताबिक चुनाव से पूर्व की सभी तैयारियों को गंभीरता के साथ पूरा किया जा रहा है।
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